#राजनीति
January 31, 2025
हिमाचल : अब नया टैक्स भरने के लिए हो जाएं तैयार, ग्रामीणों से भी होगी वसूली
शहरों की तर्ज पर गांवों से भी वूसला जाएगा टैक्स
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की ग्राम पंचायतों में अब शहरों की तर्ज पर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से टैक्स वसूला जाएगा। सुक्खू सरकार ने गांवों में मौजूद होटल, दुकानों, रेस्तरां, मैरिज पैलेस और होम-स्टे जैसे व्यवसायिक भवनों पर टैक्स लगाने की पूरी योजना तैयार कर ली है।
पंचायतीराज विभाग ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समक्ष इसका प्रस्ताव रखा, जिसे वित्तीय वर्ष 2025-26 से लागू करने की योजना है। सरकार का कहना है कि यह कदम ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके राजस्व में वृद्धि करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
विदित रहे कि, हिमाचल में 3615 ग्राम पंचायतें हैं- जिनमें स्थित सभी व्यावसायिक भवनों पर टैक्स लगाया जाएगा। सरकार द्वारा प्रस्तावित इस नए टैक्स सिस्टम में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से प्रति वर्ग फीट के आधार पर शुल्क लिया जाएगा। हालांकि, अभी तक अंतिम दर तय नहीं हुई है। इसे लेकर विभागीय स्तर पर मंथन जारी है और मंत्रिमंडल की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। संभावना है कि इसे आगामी बजट भाषण में आधिकारिक रूप से घोषित किया जाएगा।
इसके अलावा, पंचायतीराज एक्ट के तहत पंचायतों को स्थानीय स्तर पर टैक्स वसूलने के अधिकार पहले से ही प्राप्त हैं। कई पंचायतें इस अधिकार का उपयोग कर विभिन्न प्रकार के टैक्स पहले से वसूल रही हैं। उदाहरण के लिए, कुछ पंचायतों में चूल्हा टैक्स लागू है, जिसमें हर परिवार को सालाना 30 रुपए का शुल्क देना होता है। कांगड़ा जिले की कुछ पंचायतों में आठ साल का एकमुश्त चूल्हा टैक्स भी लिया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश सरकार लंबे समय से राजस्व घाटे और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है। इसी कारण बीते वर्ष सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के बिलों की वसूली शुरू की थी। अब ग्राम पंचायतों में व्यावसायिक गतिविधियों पर टैक्स लगाने की तैयारी की जा रही है, ताकि सरकारी खजाने को मजबूत किया जा सके।
सरकार का मानना है कि इस कदम से ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा और पंचायतें अपनी आय से स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों को और बेहतर तरीके से कर पाएंगी। हालांकि, व्यावसायिक प्रतिष्ठान मालिकों की क्या प्रतिक्रिया होगी, यह देखना अभी बाकी है।
जानकारी देते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों के सशक्तीकरण के लिए सरकार ने व्यावसायिक भवनों पर टैक्स लगाने का फैसला लिया है। इसके दायरे से घरेलू उपभोक्ता बाहर रहेंगे।