#राजनीति
September 14, 2025
राज्यपाल के सामने रो पड़े विधायक हंस राज: बोले- मेरी सारी मेहनत मिट्टी हो गई..
क्यों भावुक हुए विधायक हंसराज?
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चंबा। हिमाचल प्रदेश इन दिनों आपदा की मार झेल रहा है। आपदा पीड़ितों की पीड़ा जानने व राहत सामग्री वितरित करने के लिए प्रदेश के राज्यपाल चंबा प्रवास पर पहुंचे। वहीं, चंबा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उस समय भावुक माहौल बन गया जब भाजपा विधायक हंस राज मंच से अपने संबोधन में राज्यपाल के सामने रो पड़े।
भाजपा विधायक हंस राज अपने फेसबुक पेज से लाइव हुए थे जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र चुराह में दिन-रात मेहनत कर विकास कार्य करवाए, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। विधायक ने गहरी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा “मेरी सारी मेहनत मिट्टी हो गई।
विधायक ने बताया कि चुराह क्षेत्र में उन्होंने सड़क संपर्क पर विशेष ध्यान देते हुए लगभग 246 सड़कों का निर्माण करवाया था। लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन से ये सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे लोगों की आवाजाही और विकास कार्य रुक गए हैं। उन्होंने कहा कि इस तबाही ने क्षेत्र को फिर से पिछड़ेपन की ओर धकेल दिया है।
इसी दौरान उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने आपदा प्रभावित चंबा के लिए राहत सामग्री भेजी है। विधायक ने दोनों राज्यों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस कठिन समय में मिली यह मदद प्रभावित परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है।
विधायक ने राज्यपाल से अपने दिल की पीड़ा साझा करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा जनता की सेवा को प्राथमिकता दी और क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सके। उनका कहना था कि कई विकास परियोजनाएं अधूरी रह गईं और जिन योजनाओं को लेकर उन्होंने कड़ी मेहनत की थी, वे अब अटकी हुई हैं।
हंसराज ने बताया कि वह लगातार सरकार और संबंधित विभागों से समस्याओं को हल करने की मांग करते रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है। उन्होंने कहा कि जनता ने उन पर भरोसा जताकर विधायक बनाया, लेकिन अब जब अपेक्षाओं पर खरा उतरने का वक्त आया, तो प्रशासनिक और राजनीतिक कारणों से काम ठप पड़े हैं।
राज्यपाल के सामने विधायक की आंखों से छलके आंसुओं ने वहां मौजूद सभी लोगों को भावुक कर दिया। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि चंबा जैसे पिछड़े क्षेत्र की समस्याओं को प्राथमिकता से सुना जाए और रुकी हुई विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएं।
बहरहाल, विधायक के इस भावुक संबोधन ने न केवल चंबा के हालात पर रोशनी डाली, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि जमीनी स्तर पर विकास कार्यों में कई तरह की अड़चनें अब भी बनी हुई हैं।