#राजनीति
January 22, 2025
हिमाचल BJP अध्यक्ष की कमान पर कांग्रेस से आए नेताओं ने फंसाया पेच, नियुक्ति में होगी देरी
BJP प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया और अधिक जटिल हुई
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में BJP में कांग्रेस से आए नेताओं ने पार्टी के भीतर गुटबाजी को और बढ़ा दिया है। इसका नतीजा ये है कि BJP प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया और अधिक जटिल हो गई है। खबर सामने आ रही है कि BJP के विभिन्न गुटों की असहमति के कारण प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति में देरी हो सकती है। पहले जनवरी के अंत तक BJP का प्रदेश अध्यक्ष मिलने का आसार थे मगर बात फरवरी के लिए टलती दिख रही है।
बता दें कि पार्टी में विभिन्न गुटों के बीच सत्ता की लड़ाई चल रही है, जिसके चलते प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति का फैसला अब तक नहीं हो पाया है। पार्टी के अंदरखाते दबाव बढ़ने के कारण यह मामला अटका हुआ है। भाजपा के भीतर गुटबाजी का असर सिर्फ प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव पर ही नहीं, बल्कि पार्टी के अन्य महत्वपूर्ण पदों जैसे मंडल अध्यक्षों के चुनाव पर भी दिख रहा है।
उधर BJP के सभी 17 जिलों के अध्यक्षों की नियुक्ति कर ली गई है, लेकिन देहरा विधानसभा क्षेत्र के दो मंडल अध्यक्षों का चयन अभी तक नहीं हो पाया है। यह चयन भी गुटबाजी के कारण फंसा हुआ है। देहरा के नेताओं की आपसी रस्साकशी के कारण यह मामला सुलझ नहीं पाया है और प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव पर भी इसका असर पड़ सकता है।
कांग्रेस से BJP में शामिल हुए कई बड़े नेताओं ने BJP के भीतर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम हर्ष महाजन का है, जो कांग्रेस से BJP में शामिल हुए थे और जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग से अहम भूमिका निभाई थी। अब ये नेता अपने-अपने हलकों में अपने वर्चस्व को लेकर सक्रिय हो गए हैं।
कांग्रेस के कुछ पूर्व विधायक जैसे सुजानपुर से राजेंद्र राणा, गगरेट से चैतन्य शर्मा, कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो और लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, जिनकी विधानसभा चुनाव में हार हो चुकी थी, अब BJP के भीतर अपनी नई पहचान बनाने की कोशिश में हैं। इसके अलावा, देहरा से होशियार सिंह और नालागढ़ से केएल ठाकुर जैसे निर्दलीय नेता भी भाजपा का हिस्सा बने हैं और पार्टी के भीतर अपने स्थान को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।
जहां एक ओर कांग्रेस से आए इन नेताओं का एक समूह लगातार अपने पाले में गेम को पलटना चाहता है वहीं, BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भी इनकी मुलाकात हुई है । इन नेताओं का कहना है कि BJP में उनकी अहमियत को ध्यान में रखते हुए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति होनी चाहिए। अगर इन नेताओं के गुट की चली, तो भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव चौंकाने वाला हो सकता है। फिलहाल पार्टी की शीर्ष नेतृत्व के समक्ष एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि उसे इन नेताओं के दबाव के बावजूद पूरे प्रदेश में संतुलन बनाकर निर्णय लेना है।
देहरा विधानसभा क्षेत्र में BJP के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले होशियार सिंह ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि देहरा क्षेत्र के दो मंडल अध्यक्षों का चयन अभी तक नहीं हो पाया है। उनका कहना था कि इस पर जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह पार्टी के हाईकमान की सहमति से ही लिया जाएगा।