#राजनीति
June 10, 2025
CM सुक्खू ने इसी साल 25 हजार नौकरियां देने का किया एलान, जानें किन पदों पर होंगी भर्तियां
किन्नौर दौरे पर सीएम सुक्खू ने कही बड़ी बात
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रिकांगपिओ। जिस सरहद को अब तक सिर्फ जवानों के कदमों ने छुआ था, अब वहां सैलानियों की आंखों में उम्मीदें होंगी और कैमरों में कैद होंगी भारत-तिब्बत की सांस्कृतिक सीमाएं। हिमाचल सरकार का यह कदम न सिर्फ सीमांत क्षेत्र के लोगों की उम्मीदें जगाता है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ पर्यटन को जोड़ने की एक रणनीतिक पहल भी है।
शिपकी-ला अब खुलेगा पर्यटकों के लिए
बता दें कि आज यानी मंगलवार को शिपकी-ला पास पर्यटकों के लिए खोला गया है। यह पहला मौका है जब चीन सीमा से सटे इस संवेदनशील क्षेत्र तक आम पर्यटक आधार कार्ड और टोकन के जरिए जा सकेंगे। सीएम सुक्खू शिपकी-ला टॉप पर पहुंचे जहां लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया है।
इस साल होगी 25 हजार भर्तियां
सीएम सुक्खू ने ये भी कहा कि प्रदेश सरकार इस वर्ष 25 हजार से अधिक पद भरे जाने है। इनमें शामिल हैं:
2,000 वन मित्र
961 टीजीटी (आर्ट्स, मेडिकल, नॉन-मेडिकल)
1,000 जेबीटी
1,000 पटवारी
6,000 एनटीटी
7,000 आया
800 पैरा टीचर
1,200 पुलिस
700 होमगार्ड मेट
3,000 शिक्षक पद
साथ ही, 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों को घर-द्वार चिकित्सा जांच उपलब्ध कराने की योजना भी जल्द लाई जाएगी।
किन्नौर में CBSE स्कूल खोलने का ऐलान
सीएम सुक्खू ने किन्नौर के चार विकास खंडों में CBSE स्कूल खोलने की घोषणा की, जिससे सीमांत क्षेत्र के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। बता दें कि इन दुर्गम क्षेत्रों में पढ़ाई के लिए बच्चों को काफी दूरदराज का सपर करना रहता है। जिसे देखते हुए सीएम ने ये एलान किया है।
इन लोगों को मिला जमीन पर मालिकाना हक
प्रमाणपत्र प्राप्त करने वालों में कल्पा, कोठी और पांगी गांवों के कई परिवार शामिल हैं। इनमें देविंदर सिंह, संतोष कुमार, नचाकू राम, दोरजे डोलमा, प्रेम चंद, रमेश चंदर, जय कुमार, संदुब दोरजे, जयपाल सिंह, अयोध्या देवी और भगवान देवी जैसे नाम शामिल हैं।
कल्पा में बंटे वन अधिकार अधिनियम के तहत प्रमाणपत्र
वहीं, पिछले कल आइस स्केटिंग रिंक, कल्पा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत 25 लाभार्थियों को सरकारी भूमि पर मालिकाना हक के प्रमाणपत्र सौंपे गए। सीएम ने कहा कि राज्य में अब तक 460 लोगों को इस अधिनियम के तहत पट्टे प्रदान किए जा चुके हैं, जिससे हजारों गरीब परिवारों को घर बनाने का कानूनी अधिकार मिला है।