शिमला। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के समय बड़ा खेला हुआ था। यहां पूर्ण बहुम वाली कांग्रेस सरकार के राज्यसभा प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी 25 सदस्यांे वाली भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन से चुनाव हार गए थे। चुनाव का परिणाम पर्ची सिस्टम से निकाला गया था।
चुनाव हारने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी ने पर्ची सिस्टम से चुनाव परिणाम निकालने की प्रक्रिया को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनौती दी थी। वहीं हर्ष महाजन ने इस याचिका के माध्यम से सिंघवी की याचिका को खारिज करने का आग्रह किया था।
हाईकोर्ट ने खारिज की हर्ष महाजन की एप्लिकेशन
हिमाचल हाईकोर्ट ने आज अभिषेक मनु सिंघवी की राज्यसभा चुनाव मामले की याचिका को रद्द करने की हर्ष महाजन की याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल पिछली हियरिंग में हाईकोर्ट ने भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन को आज की रखी तारीख में अपना जवाब देने के आदेश दिए थे। लेकिन हाईकोर्ट में आज की सुनवाई में हर्ष महाजन हाजिर नहीं हुए।
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हर्ष महाजन ने बीते रोज ही जमा करवाई थी एप्लिकेशन
आज की सुनवाई में हर्ष महाजन हाईकोर्ट तो नहीं पहुंचे, लेकिन बीते रोज ही उन्होंने एक एप्लिकेशन के माध्यम से अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका को खारिज करने का आग्रह किया था। जिसे हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने खारिज कर दिया। कोर्ट में याचिकाकर्ता पक्ष ने हर्ष महाजन की इस एप्लिकेशन का विरोध किया और जानबूझकर केस में देरी करने का आरोप लगाया।
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हर्ष महाजन ने मांगा एक सप्ताह का समय
याचिकाकर्ता पक्ष की दलील पर हाईकोर्ट ने भी कहा कि आखिरी दिनों में ही यह एप्लिकेशन क्यों दी गई। जो रिकॉर्ड में भी नहीं आ पाई। हाईकोर्ट द्वारा हर्ष महाजन की याचिका को खारिज करने के बाद उनके याचिकाकर्ता पक्ष ने अपना जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। जिसके चलते हाईकोर्ट ने इस केस की अगली सुनवाई 23 जुलाई को निर्धारित की है।
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बराबरी पर रहे थे दोनों प्रत्याशी
बता दें कि हिमाचल की एक राज्यसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रत्याशियों को बराबर मत मिले थे। जिसके चलते चुनाव नतीजों का फैसला पर्ची सिस्टम से किया गया था। और पर्ची से भाजपा के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए थे। लेकिन मनु सिंघवी ने चुनाव परिणाम के लिए अपनाए पर्ची सिस्टम के फॉर्मूले को गलत बताया था।
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मनु सिंघवी ने पर्ची सिस्टम के फॉर्मूले को बताया गलत
मनु सिंघवी का कहना था कि मामला बराबरी पर रहने के बाद जब पर्ची निकाली जाती है तो जिसके नाम की पर्ची निकलती है उसे विजय घोषित किया जाता है, लेकिन उनके मामले में जिसकी पर्ची निकली उसे हारा हुआ घोषित किया गया। जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।