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May 29, 2025
हिमाचल: भाजपा की 'तिरंगा यात्रा' के जवाब में कांग्रेस की कल 'जय हिंद सभा', जानें क्या होगा खास
कांग्रेस पूर्व सैनिकों को करेगी सम्मानित
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीति के केंद्र में आ गई है। भारतीय सेना द्वारा हाल ही में अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में कांग्रेस पार्टी ने 30 मई को एक विशेष कार्यक्रम जय हिंद सभा के आयोजन की घोषणा की है। कांग्रेस पार्टी की जय हिंद सभा कल यानी शुक्रवार को शिमला के पीटरहॉफ में होगी। जिसका उद्देश्य भारतीय सैनिकों के शौर्य को सम्मानित करना है। एक तरह से कहा जाए तो कांग्रेस की यह जय हिंद सभा भाजपा की तिरंगा यात्रा का जवाब है।
बता दें कि कांग्रेस देश के कई स्थानों पर जय हिंद सभा का आयोजन कर रही है। राजधानी शिमला में इसका आयोजन भी उसी का एक हिस्सा है। कांग्रेस के कल जय हिंद सभा में कांग्रेस हाइकमान से वरिष्ठ नेता अजय माकन और प्रभारी रजनी पाटिल विशेष रूप से इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। कांग्रेस ने जय हिंद सभा को सफल बनाने के लिए पूर्व सैनिकों पर फोकस किया है। कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी जिलों से पूर्व सैनिकों को कांग्रेस पार्टी यहां लाएगी जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ पूर्व में देश के लिए शौर्य गाथा लिखी है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और प्रदेश मामलों के सह प्रभारी चेतन चौहान ने बताया कि यह कार्यक्रम केवल और केवल सैनिकों की बहादुरी के सम्मान में आयोजित किया जा रहा है। उनका कहना था कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में जो साहस दिखाया है, वह राष्ट्र के हर नागरिक के लिए गर्व का विषय है। यह सभा उस सम्मान का प्रतीक होगी।
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हालांकि चेतन चौहान ने इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा इस सैन्य अभियान को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है, जो देश की सुरक्षा और संवेदनाओं से खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि सेना के शौर्य और साहस का इस तरह से राजनीतिकरण किया जा रहा है।
चेतन चौहान ने कहा कि भाजपा नेता मंचों से सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं, जिससे सुरक्षा बलों का मनोबल गिराने की कोशिश की जा रही है। मध्य प्रदेश में एक भाजपा नेता ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इन बयानों को नजरअंदाज कर रहा है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी इस मुद्दे को और गंभीर बना रही है।
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कांग्रेस ने केंद्र सरकार से ऑपरेशन सिंदूर के बाद घोषित सीजफायर को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। चेतन चौहान ने कहा कि देश जानना चाहता है कि सीजफायर किन शर्तों पर हुआ? क्या अमेरिका या अन्य देशों की कोई भूमिका इसमें रही? और जो आतंकी पहलगाम की घटना में शामिल थेए उनके खिलाफ क्या कदम उठाए गए। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की यह जिम्मेदारी नहीं बनती कि वे संसद और जनता को इस बारे में पूरी जानकारी दें?
भाजपा द्वारा चलाए जा रहे महिलाओं को सिंदूर बांटने के अभियान पर भी कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया। चेतन चौहान ने कहा कि यह परंपरा और स्त्री गरिमा दोनों के खिलाफ है। भारत में कोई महिला किसी अन्य व्यक्ति से सिंदूर नहीं लेती। यह हमारी सामाजिक परंपरा है। भाजपा इसे भावनात्मक प्रचार में बदल रही है, जो निंदनीय है।