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March 17, 2025

CM सुक्खू ने शेर पढ़कर शुरू किया बजट भाषण, बोले- आपदा में केंद्र ने हाथ किए खड़े

सीएम सुक्खू बजट अनुमान 2025-26 प्रस्तुत करने के लिए ऑल्टो कार से विधानसभा पहुंचे

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HIMACHAL BUDGET SESSION

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने विधानसभा तक पहुंचने के लिए अपनी आल्टो कार खुद चलाकर विधानसभा पहुंचने का एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया, जो उनके सादगीपूर्ण नेतृत्व को दर्शाता है।

बजट भाषण की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने एक प्रेरणादायक शेर पढ़ा: "न गिराया किसी को, कभी न किसी को उछाला, जहां आप पहुंचे छलांगें लगा-लगाकर, मैं भी वहां पहुंचा धीरे-धीरे।" 

मेज थपथपाकर हुआ स्वागत

सत्ता पक्ष के विधायकों ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और मेज थपथपाकर उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री ने इस भाषण के जरिए न केवल प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा की, बल्कि उन्होंने राज्य के विकास और कल्याण के लिए अपने संकल्प को भी जाहिर किया।

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आर्थिक स्थिति पर गहरी चिंता जताई

प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से गुजर रही है, जिसका असर आम जनता पर पड़ रहा है। सीएम का कहना है कि केंद्र की खराब आर्थिक व्यवस्था के कारण हिमाचल को काफी नुकसान हुआ है। सीएम ने कहा कि RDG कोई ग्रांट नहीं है। इससे प्रदेश आत्मनिर्भर नहीं होगा। वहीं, सीएम ने कहा कि हमारा पहाड़ी राज्य स्पेशल केटेगरी में आता है, केंद्र के कारण प्रदेश उपेक्षित महसूस कर रहा है। 

केंद्र से मदद ने मिलने पर जताई नाराजगी

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जीएसटी कंपनसेशन की समाप्ति और बीबीएमबी से 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा का शेयर नहीं मिलने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। बजट सत्र के दौरान उन्होंने यह मुद्दा उठाया और कहा कि ये दोनों घटनाएं राज्य की आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर डाल सकती हैं।

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 सीएम सुक्खू ने यह भी बताया कि हिमाचल को एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) के तहत मिलने वाला 1600 करोड़ का लोन भी कम हो गया है, जो राज्य के वित्तीय संकट को और बढ़ा सकता है। इसके अलावा, रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में भी कमी आई है, जिससे राज्य सरकार को वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सीएम ने कहा कि इन वित्तीय चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार प्रदेश के विकास और कल्याण के लिए आवश्यक कदम उठाने की पूरी कोशिश करेगी। उन्होंने केंद्र से हिमाचल के लिए अधिक सहायता और वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने की अपील की।

 

 ग्रामीणों को बजट से उम्मीदें

CM सुक्खू ने कई बार कहा है कि उनका लक्ष्य गांव की जनता की जेब में पैसा डालना है, क्योंकि हिमाचल की 80 फीसदी से ज्यादा आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। ऐसे में इस बजट में किसानों, बागवानों और पशुपालकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं।

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कृषि-बागवानी और स्वास्थ्य में बड़े ऐलान की उम्मीद

CM सुक्खू कृषि और बागवानी क्षेत्र के लिए नई योजनाओं का ऐलान कर सकते हैं। इनमें से एक प्रमुख योजना बागवानी विकास परियोजना-2 हो सकती है, जिसमें 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट रखा जा सकता है। इसके अलावा, सेब और अन्य उपज पर आधारित प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने की भी संभावना है। 

CM सुक्खू स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़े ऐलान कर सकते हैं, खासकर डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती के संदर्भ में। वर्तमान में राज्य में 600 से ज्यादा डॉक्टर और 5000 से ज्यादा नर्सों की आवश्यकता है, और मुख्यमंत्री इस बजट में इन पदों को भरने के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। 

हिम केयर योजना में सुधार की उम्मीद

CM सुक्खू मुफ्त इलाज की हिम केयर योजना में सुधारात्मक कदम उठा सकते हैं। इसमें सरकारी नौकरी करने वालों और टैक्सपेयर को हिम केयर कार्ड के दायरे से बाहर करने की संभावना है। साथ ही, कार्ड रिन्यू करने के लिए हर साल प्रीमियम भरना अनिवार्य किया जा सकता है। 

 

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सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों को राहत की उम्मीद

इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों को बड़ी राहत मिल सकती है। राज्य में 8 लाख से ज्यादा पेंशनधारक हैं, जिनकी पेंशन में 850 से लेकर 1600 रुपए तक का इजाफा हो सकता है। इसके साथ ही, सरकारी विभागों में कार्यरत विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों जैसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिड-डे मील वर्कर, पंचायत चौकीदार आदि का मानदेय भी बढ़ सकता है। 

 सरकारी भर्तियों का होगा ऐलान 

CM सुक्खू इस बजट में शिक्षा क्षेत्र को लेकर भी कई बड़े ऐलान कर सकते हैं। राज्य में 10 विधानसभा क्षेत्रों में डे-बोर्डिंग स्कूल बनाने का प्रस्ताव हो सकता है। इसके अलावा, 10वीं और 12वीं कक्षा के टॉपर्स को लैपटॉप देने की घोषणा भी की जा सकती है। मुख्यमंत्री इस बजट में एक ही शिक्षा निदेशालय बनाने का ऐलान भी कर सकते हैं, जिससे शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा सके।

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