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August 5, 2025
सुधीर का तंज: देहरा के CM बनकर रह गए सुक्खू, धर्मशाला सीयू को 30 करोड़ नहीं दे पाई सरकार
सुक्खू सरकार की अनदेखी से धर्मशाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी का सपना आज भी अधूरा
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धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में बनने वाली सेंट्रल यूनिवर्सिटी लंबे समय से राजनीति की शिकार होती आ रही है। पहले धर्मशाला के जदरांगल में जमीन के चयन में देरी होती रही, अब कैंपस निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपए जारी करने में देरी हो रही है। इस मामले में अब धर्मशाला के भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने सुक्खू सरकार को घेरा है। सुधीर शर्मा ने सुक्खू सरकार पर आरोप लगाया कि धर्मशाला और कांगड़ा क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही है, जबकि देहरा को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।
धर्मशाला में प्रस्तावित सेंट्रल यूनिवर्सिटी का मसला नया नहीं है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना वर्षों से राजनीतिक खींचतान और अदूरदर्शी नीतियों की भेंट चढ़ती आ रही है। अब तक नॉर्थ कैंपस के विकास के लिए आवश्यक 30 करोड़ रुपए की राशि तक जारी नहीं की गई है। विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि यह केवल एक प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि धर्मशाला और हिमाचल की जनता के साथ किया गया गंभीर धोखा है।
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उन्होंने कहा कि लाखों हिमाचलियों की भावनाएं धर्मशाला में बनने वाली सेंट्रल यूनिवर्सिटी से जुड़ी हुई हैं। लेकिन सरकार की अनदेखी से यह सपना अधूरा है। सुखविंदर सरकार सिर्फ देहरा क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है। मुख्यमंत्री अब पूरे हिमाचल के नहीं, सिर्फ देहरा के मुख्यमंत्री बनकर रह गए हैं।
सुधीर शर्मा आरोप लगाया कि सीएम सुक्खू ने अपनी पत्नी के विधानसभा क्षेत्र देहरा में जल परियोजनाओं के लिए 19 करोड़ की राशि मंजूर की, लेकिन राष्ट्रीय महत्व की परियोजना सेंट्रल यूनिवर्सिटी को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उनका दावा है कि देहरा को जिला बनाने की योजना पर सरकार हजारों करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी कर रही है, जबकि राज्य की आर्थिक स्थिति पहले से ही डगमगाई हुई है।
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भाजपा विधायक ने कहा कि अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है। कांगड़ा के अस्तित्व पर सवाल उठ रहे हैं। आने वाले समय में जनता संघर्ष के लिए तैयार है और मुख्यमंत्री का धर्मशाला में काले झंडों से स्वागत किया जाएगा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आपदा पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं हो रही और जो आवाज उठा रहे हैं, चाहे वह जनता हो या पत्रकार, उन पर एफआईआर दर्ज की जा रही है।
विधायक सुधीर शर्मा ने एक और गंभीर चिंता जताईकृहिमाचल की खराब वित्तीय हालत को लेकर। उन्होंने दावा किया कि अगर मुख्यमंत्री की "अव्यवस्थित सोच" पर रोक नहीं लगी तो हिमाचल प्रदेश भी भविष्य में यूनियन टेरिटरी बनने की कगार पर पहुंच सकता है।
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गौरतलब है कि धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रस्ताव 2009 में आया था और इसका उद्देश्य था हिमाचल प्रदेश के युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराना। लेकिन यह परियोजना शुरू से ही राजनीतिक उठा.पटक का शिकार रही है। पहले भूमि चयन को लेकर विवाद हुआए फिर नॉर्थ और साउथ कैंपस के बीच स्थान चयन को लेकर टकरावए और अब निधि जारी करने में देरी इस महत्वाकांक्षी योजना को ठंडे बस्ते में डालती जा रही है।