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May 24, 2025
SP गांधी की आंधी में मुख्य सचिव भी आए, कहा-अवैध कब्जाधारियों पर नहीं की कार्रवाई
प्रबोध सक्सेना ने ब्रह्म समाज मंदिर संपत्ति विवाद की जांच में किया हस्तक्षेप
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शिमला। प्रदेश कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मामले में हिमाचल हाईकोर्ट से फटकार लगने के बाद एसपी शिमला संजीव गांधी इस कद्र आहत हुए कि उन्होंने एक के बाद एक कई लोगों की पोल खोल कर रख दी। एसपी शिमला संजीव गांधी ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों के अलावा राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों में से किसी को भी नहीं बख्शा।
एसपी गांधी ने विमल नेगी मामले में जहां डीजीपी डॉ अतुल वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए। वहीं शिमला के होटल में हुए एक ब्लास्ट मामले में पूर्व डीजीपी संजय कुंडू को भी घेरा। संजीव गांधी ने इस दौरान धर्मशाला के भाजपा विधायक सुधीर शर्मा को राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद फरोख्त मामले का मास्टरमाइंड बताया। अब एसपी गांधी ने हिमाचल सरकार में मुख्य सचिव के पद पर बैठे प्रबोध सक्सेना पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
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एसपी गांधी ने बताया कि मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने ब्रह्म समाज मंदिर संपत्ति विवाद की जांच में हस्तक्षेप किया। उन्होंने इस मामले में अवैध कब्जाधारियों पर कार्रवाई करने से रोका और उन पर कार्रवाई नहीं करने दी। एसपी गांधी ने बताया कि उन्होंने इस मामले में हिमाचल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता को उजागर किया है।
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बता दें कि एसपी संजीव गांधी ने आज मीडिया के समक्ष आकर अपने ही महकमे के शीर्ष अधिकारियों सहित नेताओं पर गंभीर आरोप लगाकर पुलिस प्रशासन और राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने ना सिर्फ मौजूदा पुलिस महानिदेशक बल्कि पूर्व डीजीपी संजय कुंडू पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने शिमला के मिडिल बाजार में हुए एक विस्फोटक मामले में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की बात कही है।
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अपने शीर्ष अधिकारियों सहित अन्य पर आरोपों की झड़ी लगाने वाले एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि मैंने 25 से 26 वर्षों तक पुलिस विभाग में ईमानदारी से काम किया है। लेकिन अगर कोई मेरी इस इमानदारी व प्रोफेशनल अखंडता पर सवाल उठाता है तो मैं पुलिस का पद छोड़ना पसंद करूंगा। एसपी गांधी ने कहा कि मैं और मेरी एसआईटी विमल नेगी मामले को दोबारा अदालत में लेकर जाएंग। ताकि इस मामले में हमने अब तक जो भी जांच की है वह सुरक्षित रह सके और उसके साथ छेड़छाड़ ना हो। इसके लिए हम होईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे और सारी सच्चाई कोर्ट के समक्ष रखेंगे। हम विमल नेगी को न्याय दिलाकर रहेंगे।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के एसपी संजीव गांधी ने आज मीडिया के समक्ष आकर अपने ही महकमे के शीर्ष अधिकारियों सहित नेताओं पर गंभीर आरोप लगाकर पुलिस प्रशासन और राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। इस दौरान उन्होंने ना सिर्फ मौजूदा पुलिस महानिदेशक बल्कि पूर्व डीजीपी संजय कुंडू पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने शिमला के मिडिल बाजार में हुए एक विस्फोटक मामले में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की बात कही है।
एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि पुलिस मुख्यालय के अधिकारी उनसे ईर्ष्या रखते हैं। जिसका नतीजा है कि पूर्व में शिमला के एक रेस्टोरेंट में एलपीजी ब्लास्ट को आतंकी घटना बनाने का प्रयास किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस मुख्यालय की ओर से एनएसजी की टीम को बुलाकर सैंपल लिए गए और एक निजी लैब से ऐसी रिपोर्ट मंगाई गई जिसमें आरडीएक्स पाए जाने की बात कही गई। मगर आज तक यह साबित नहीं हो पाया कि आरडीएक्स कहा से आया।
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गांधी ने बताया कि प्रदेश की फॉरेंसिक लैब जुंगा और बाद में सीआईडी की जांच में भी विस्फोटक में आरडीएक्स की मौजूदगी नहीं पाई गई। ऐसे में किसके कहने पर झूठी रिपोर्ट तैयार की गई, इस बात की जांच होनी चाहिए। एसपी गांधी ने कहा कि यह सब कुछ एक योजनाबद्ध तरीके से किया गया, ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके। यह सब मुझे चुप कराने और मेरी साख को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया। फर्जी सबूतों के सहारे मेरे काम पर सवाल उठाने की कोशिश की गई।
बता दें कि दो साल पहले राजधानी शिमला के मिडिल बाजार में एक रेस्टोरेंट में जोरदार धमाका हुआ था। इस धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 13 लोग घायल हुए थे।
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संजीव गांधी ने कहा कि इस मामले में उन्होंने कारोबारी निशांत शर्मा के केस में बिना पक्षपात जांच कर हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया। यह हलफनामा तत्कालीन संजय कुंडू के खिलाफ था। गांधी ने आरोप लगाया कि संजय कुंडू ने अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव डाला और झूठी रिपोर्ट तैयार करवाई। इस मामले में भी जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया गया।