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May 24, 2025
SP गांधी ने पूर्व DGP कुंडू की भी खोली पोल: बोले-होटल में LPG धमाके को RDX से जोड़ने का किया प्रयास
कहा-फर्जी सबूतों के सहारे मुझे झूठा साबित करने का किया प्रयास
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के एसपी संजीव गांधी ने आज मीडिया के समक्ष आकर अपने ही महकमे के शीर्ष अधिकारियों सहित नेताओं पर गंभीर आरोप लगाकर पुलिस प्रशासन और राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। इस दौरान उन्होंने ना सिर्फ मौजूदा पुलिस महानिदेशक बल्कि पूर्व डीजीपी संजय कुंडू पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने शिमला के मिडिल बाजार में हुए एक विस्फोटक मामले में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की बात कही है।
एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि पुलिस मुख्यालय के अधिकारी उनसे ईर्ष्या रखते हैं। जिसका नतीजा है कि पूर्व में शिमला के एक रेस्टोरेंट में एलपीजी ब्लास्ट को आतंकी घटना बनाने का प्रयास किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस मुख्यालय की ओर से एनएसजी की टीम को बुलाकर सैंपल लिए गए और एक निजी लैब से ऐसी रिपोर्ट मंगाई गई जिसमें आरडीएक्स पाए जाने की बात कही गई। मगर आज तक यह साबित नहीं हो पाया कि आरडीएक्स कहा से आया।
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गांधी ने बताया कि प्रदेश की फॉरेंसिक लैब जुंगा और बाद में सीआईडी की जांच में भी विस्फोटक में आरडीएक्स की मौजूदगी नहीं पाई गई। ऐसे में किसके कहने पर झूठी रिपोर्ट तैयार की गई, इस बात की जांच होनी चाहिए। एसपी गांधी ने कहा कि यह सब कुछ एक योजनाबद्ध तरीके से किया गया, ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके। यह सब मुझे चुप कराने और मेरी साख को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया। फर्जी सबूतों के सहारे मेरे काम पर सवाल उठाने की कोशिश की गई।
बता दें कि दो साल पहले राजधानी शिमला के मिडिल बाजार में एक रेस्टोरेंट में जोरदार धमाका हुआ था। इस धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 13 लोग घायल हुए थे।
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संजीव गांधी ने कहा कि इस मामले में उन्होंने कारोबारी निशांत शर्मा के केस में बिना पक्षपात जांच कर हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया। यह हलफनामा तत्कालीन संजय कुंडू के खिलाफ था। गांधी ने आरोप लगाया कि संजय कुंडू ने अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव डाला और झूठी रिपोर्ट तैयार करवाई। इस मामले में भी जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया गया।
एसपी संजीव गांधी ने इस सब के पीछे का कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि साल 2019 से 2021 के बीच हुई पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर उन्होंने असहमति जताई थी। जिसके चलते उन्हें निशाने पर लिया जा रहा था। उन्होंने दावा किया कि मैंने जिस बात की आशंका जताई थी, बाद में पुलिस भर्ती वही बड़ा घोटाला सामने आया। लेकिन आज तक उसकी सीबीआई जांच आगे नहीं बढ़ी।
एसपी गांधी ने आरोप लगाया कि उन्होंने नशा तस्करी और सीआईडी की कार्यप्रणाली को लेकर जो गोपनीय पत्र डीजीपी को भेजा था, उस पत्र को भी जानबूझकर सार्वजनिक किया गया। उनका कहना है कि इससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की मंशा थी।
गांधी ने राज्य के मुख्य सचिव पर भी आरोप लगाए कि उन्होंने ब्रह्म समाज मंदिर की संपत्ति से जुड़े विवाद में हस्तक्षेप करते हुए अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई को रोका। उन्होंने इस मामले में उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की है।