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May 11, 2025

हिमाचल: शहीद पवन कुमार का अंतिम संस्कार आज, खुद ली थी बार्डर पर पोस्टिंग- पिता को गर्व

रिटायरमेंट से ठीक पहले देश के लिए बलिदान

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Martyr Pawan Kumar

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शाहपुर निवासी सूबेदार मेजर पवन कुमार जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में शुक्रवार देर रात पाकिस्तान की ओर से हुई भीषण गोलीबारी में शहीद हो गए। 25 पंजाब रेजिमेंट में तैनात पवन कुमार ने अपने साथियों के साथ दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया। इसी दौरान उन्हें गोली लगी। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

 

दो महीने बाद होनी थी सेवानिवृत्ति, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़


सूबेदार मेजर पवन कुमार की शहादत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वे केवल दो महीने बाद सेना से रिटायर होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। पवन कुमार अपने पीछे पत्नी, एक बेटा, एक बेटी और वृद्ध माता-पिता को छोड़ गए हैं। उनके पिता गरज सिंह भी सेना से हवलदार के पद से रिटायर हो चुके हैं।

 

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पैतृक गांव में होगा राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार


शहीद की पार्थिव देह रविवार को उनके पैतृक गांव शाहपुर लाई जाएगी, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन ने अंतिम यात्रा के सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं। जैसे ही शाहपुर में लोगों को पवन कुमार की शहादत की खबर मिली, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। नगर पंचायत वार्ड-4 के पार्षद शुभम ने बताया कि शनिवार सुबह 9 बजे सेना ने परिजनों को शहादत की सूचना दी।

 

सीएम सुक्खू ने दी श्रद्धांजलि, सरकार परिवार के साथ


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सूबेदार मेजर पवन कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे देश की एकता और संप्रभुता की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देकर अमर हो गए हैं। राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में शहीद परिवार के साथ खड़ी है और हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। सीएम ने कहा कि हिमाचल के बेटे की शहादत पर पूरे प्रदेश को गर्व है।

 

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गांव में उमड़ा जनसैलाब, हर आंख नम


पवन कुमार की शहादत की खबर के बाद ग्रामीणों का तांता शहीद के घर पर लग गया है। हर आंख नम है और हर चेहरा गर्व से भरा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है, यह पूरे इलाके के लिए गौरव की बात है। लेकिन उनकी रिटायरमेंट से पहले यह दर्दनाक खबर किसी को भी भीतर तक झकझोर देने वाली है।

 

आख़िरी पोस्टिंग के लिए चुना था जम्मू-कश्मीर बॉर्डर

 

अपनी सैन्य सेवा के अंतिम चरण में, जब अधिकतर सैनिक एक शांत और सुरक्षित पोस्टिंग चुनते हैं, तब हिमाचल के वीर सपूत सूबेदार मेजर पवन कुमार जरियाल ने एक बिल्कुल अलग राह चुनी। उन्होंने अपने लिए आराम या सुविधा की जगह नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के तनावपूर्ण बॉर्डर को अंतिम कार्यक्षेत्र के रूप में चुना। यह फैसला उनके भीतर बसे राष्ट्रभक्ति के भाव और कर्तव्य के प्रति उनकी अटूट निष्ठा को दर्शाता है।

 

सेना में परंपरा है अंतिम पोस्टिंग की चॉइस, लेकिन...


भारतीय सेना में यह परंपरा रही है कि सेवा समाप्ति से कुछ समय पहले सैनिक को अपनी पसंद की पोस्टिंग दी जाती है, ताकि वे शांति से सेवा पूरी कर सकें। लेकिन पवन कुमार ने इस विशेषाधिकार को त्याग दिया। उन्होंने स्वेच्छा से एक ऐसे क्षेत्र को चुना, जहां हमेशा खतरे की आहट होती है और देश की सीमाएं हर पल सजगता मांगती हैं।

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