#विविध
June 18, 2025
हिमाचल : बहन ने भाई को दिया नया जीवन, परिवार छोड़ चुका था ठीक होने की उम्मीद
स्वरूप पिछले कई महीनों से किडनी फेल्योर से जूझ रहे थे
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कांगड़ा। जब भाई की सांसें डगमगाईं, तो बहन ने खुद की जिंदगी हथेली पर लाई। ऐसा ही दिल को छू देने वाला मामला हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से सामने आया है। जिले की फतेहपुर तहसील के हौरी गांव से इंसानियत, रिश्तों और निस्वार्थ प्रेम की एक ऐसी सच्ची कहानी सामने आई है, जो हर दिल को छू जाएगी।
यहां 38 वर्षीय अंजू बाला ने अपने भाई के लिए वो कर दिखाया- जो शायद शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उन्होंने अपने 41 वर्षीय बड़े भाई स्वरूप की जान बचाने के लिए अपनी एक किडनी दान कर दी
इस महान कार्य से अंजू ने न केवल एक जीवन को बचाया, बल्कि बहन-भाई के रिश्ते को एक नई परिभाषा दी। स्वरूप पिछले कई महीनों से किडनी फेल्योर से जूझ रहे थे। डॉक्टरों ने साफ कह दिया था कि अब उनका जीवन केवल एक किडनी ट्रांसप्लांट से ही बच सकता है। परिवार के लिए यह वक्त अत्यंत कठिन और भावनात्मक रूप से झकझोर देने वाला था।
इसी कठिन घड़ी में अंजू ने आगे बढ़कर वो फैसला लिया, जिसकी हिम्मत हर कोई नहीं कर पाता। उन्होंने अपनी एक किडनी दान करने की इच्छा जताई, और सभी जरूरी जांचों व औपचारिकताओं के बाद यह तय हो गया कि उनकी किडनी उनके भाई के लिए उपयुक्त है।
टांडा मेडिकल कॉलेज में यह जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक अंजाम दी गई। इस ऑपरेशन को टांडा मेडिकल कॉलेज की अनुभवी टीम ने अंजाम दिया, जिसमें डॉ. अभिनव, डॉ. अमित शर्मा, डॉ. ननिश शर्मा और अन्य विशेषज्ञ शामिल थे। PGI चंडीगढ़ से आए डॉक्टरों ने भी इस ट्रांसप्लांट प्रक्रिया में सक्रिय योगदान दिया। ऑपरेशन के दौरान पूरी मेडिकल टीम का तालमेल और समर्पण देखने लायक था।
सर्जरी के बाद अब दोनों भाई-बहन की हालत स्थिर है और वे स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। अंजू बाला का साहस और स्नेह एक ऐसी मिसाल बन गया है, जो समाज में अंगदान को लेकर जागरूकता बढ़ाने में सहायक होगा।