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February 12, 2025
स्वर्ग प्रवास से लौटे देवता, कंगना ने लिया कार्तिक स्वामी का आशीर्वाद
अपने गूर के माध्यम से नए साल की भविष्यवाणी करेंगे देवता
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कुल्लू। करीब एक माह तक स्वर्ग में रहने के बाद फाल्गुन संक्रांति पर हिमाचल प्रदेश के देवी-देवता वापस लौटने लगे हैं। कुल्लू के बंजार में देवता कार्तिक स्वामी के धरती पर लौटते ही बुधवार से फागली उत्सव की शुरुआत हो गई। यह तीन दिन तक चलेगा। अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत ने देवता कार्तिक स्वामी का आशीर्वाद लिया और इस साल के सुखद होने की कामना की। कुल्लू की ऊंझी घाटी में भी स्वर्ग प्रवास से देवी-देवता वापस लौट आए हैं। देवता अब अपने गूर के माध्यम से नए साल की भविष्यवाणी करेंगे।
मनाली के सिमसा में कंगना ने देवता कार्तिक स्वामी के दर्शन करने के बाद कहा कि देवता का मंदिर उनके घर के बिल्कुल पास है। कंगना ने देवता कार्तिक स्वामी के नाम पर ही अपने घर का नाम कार्तिकेय निवास रखा है। कंगना ने कहा, "भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय स्वामी ने यहां पर तपस्या की थी और सनातन धर्म आम जनमानस को कई चीजों से अवगत करवाता है"। उन्होंने देवता कार्तिक स्वामी से सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखने का आशीर्वाद मांगा है।
गौरतलब है कि पौष मास की संक्रांति पर जिला कुल्लू के देवी देवता स्वर्ग प्रवास पर चले गए थे। कुछ देवता माघ मास की संक्रांति पर वापस लौट आए थे। अब कुछ देवता फाल्गुन मास की संक्रांति पर लौट आए हैं। देवी-देवताओं के वापस लौट आने से अब ग्रामीण क्षेत्रों में मेले व त्यौहार भी शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा चैत्र मास के संक्रांति पर भगवान बिजली महादेव सहित कुछ अन्य देवता धरती पर वापस लौटेंगे और गूर के माध्यम से साल भर की भविष्यवाणी की जाएगी।
ग्रामीण अपने आराध्य देवताओं के आगमन की तैयारियों में जुट गए हैं। धार्मिक परंपराओं के अनुरूप हर साल देवी-देवता इंद्र देव की सभा में भाग लेने के लिए मकर संक्रांति के दिन अपने मंदिरों से प्रस्थान करते हैं। कुल्लू और बुशहर रियासत के कुछ देवी-देवता एक सप्ताह और 15 दिन के भीतर ही देवालयों में प्रवेश करते हैं, लेकिन अधिकांश देवी-देवता फाल्गुन संक्रांति को ही मंदिरों में प्रवेश करते हैं। दशकों से देवताओं के देवालय में प्रवेश करते ही धार्मिक परंपरा का निर्वहन किया जाता है।