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February 14, 2025

हिमाचल में नया स्कैम! बुजुर्गों की पेंशन में भी हो रही हेराफेरी- कई दस्तावेज संदिग्ध

104 से 124 आयु के 1,141 भी ले रहे पेंशन

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PENSION SCAM

शिमला। हिमाचल प्रदेश में सामाजिक पेंशन के नाम पर बड़े घोटाले की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा किए गए पहले चरण के दस्तावेज़ीकरण में 1,438 पेंशनरों के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए हैं। जिसके बाद जांच शुरू हो चुकी है। 

104 से 124 साल के बुजुर्ग

बताते चलें कि 1,141 पेंशनरों की उम्र दस्तावेजों में 104 से 124 साल के बीच दर्शाई गई है, जिनमें से प्रत्येक को प्रति माह 1,700 रुपये की पेंशन दी जा रही है। यह पेंशन राशि त्रैमासिक आधार पर सीधे लाभार्थियों के डाकघर और अन्य बचत खातों में जमा की जाती है। जो कि चौंकाने वाली बात है। 

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 पेंशन घोटाले की जांच

प्रदेश में लगभग 8.18 लाख लाभार्थियों को विभिन्न श्रेणियों में सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। इनमें से दो लाख पेंशनर जांच के दायरे में आए हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए आवेदन तहसील वेलफेयर अफसर के पास सादे कागज में होते हैं, जिन्हें जिला कल्याण अधिकारी के पास भेजा जाता है और फिर ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत मंजूरी दी जाती है। प्रत्येक जिले में एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसका चेयरमैन एक विधायक होता है और यह कमेटी पेंशन आवेदनों की मंजूरी देती है।

गड़बड़ी की आशंका

वहीं, प्रदेश में बड़ी संख्या में पेंशन आवेदन पत्रों में फर्जीवाड़ा होने का संदेह जताया जा रहा है। जिन पेंशनरों के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए हैं, उन पर अब जांच शुरू हो गई है। शिमला जिले के रामपुर से कांग्रेस विधायक नंदलाल मौजूदा समय में कमेटी के चेयरमैन हैं और हर जिले में विधायक कमेटी के चेयरमैन होते हैं। अधिकारियों का कहना है कि पेंशन फर्जीवाड़े के कारण विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। 

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ई-कल्याण पोर्टल पर अनियमितताएं

अंतरिम निरीक्षण में पाया गया कि ई-कल्याण पोर्टल पर 260 वृद्धावस्था पेंशन और 37 विधवा पेंशन के मामलों में अनियमितताएं पाई गई हैं। इसके बाद प्रदेश के सभी जिला कल्याण अधिकारियों को आदेश जारी किए गए हैं कि वे एक सप्ताह के भीतर 1,438 मामलों की छानबीन करें और सूचना निदेशालय को भेजें। कुल पेंशनरों में से 25 फीसदी के दस्तावेजों की जांच करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

होगी सख्त कार्रवाई

इस गड़बड़ी की जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि इसमें कितने लोग शामिल हैं। निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण निदेशालय, किरण भड़ाना ने इस मामले पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

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