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October 3, 2025
हिमाचल में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी, तेज आंधी-तूफान के साथ बरसेगी आफत
ऊंचे क्षेत्रों में हो सकता है हिमपात
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में आज सुबह मौसम ने अचानक करवट बदली। कांगड़ा जिले के कई क्षेत्रों में तड़के भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा और तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
तेज बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया और कई जगह लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं, राजधानी शिमला में भी सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए हुए हैं और बीच-बीच में बूंदाबांदी जारी है।
मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश में सक्रिय वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर अगले चार दिनों तक देखने को मिलेगा। 5 अक्टूबर को किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। जबकि, 6 अक्टूबर को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट रहेगा। साथ ही आंधी और तूफान के चलते नुकसान की आशंका भी जताई गई है। 7 अक्टूबर को निचले और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में अच्छी बारिश के आसार हैं।
मौसम विशेषज्ञों ने चेताया है कि अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी हो सकती है। खासकर लाहौल-स्पीति, रोहतांग दर्रा, बारालाचा और किन्नौर की चोटियों पर हिमपात देखने को मिल सकता है। इससे प्रदेश के कई शहरों के तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ सकती है।
बारिश और ओलावृष्टि से किसानों व बागवानों की चिंता बढ़ गई है। कांगड़ा और मंडी के निचले क्षेत्रों में खड़ी धान की फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका है। वहीं, सेब सीजन के अंतिम दौर में फसल मंडियों तक पहुंच रही है, ऐसे में लगातार बारिश और आंधी से परिवहन बाधित हो सकता है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और मौसम विभाग ने पर्यटकों को खास सतर्कता बरतने की सलाह दी है। ऊपरी शिमला, कुल्लू-मनाली और चंबा-डलहौजी जैसे पर्यटन स्थलों में भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा बना रहेगा। पर्यटकों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और केवल सुरक्षित व खुली सड़कों से ही सफर करें।
बर्फबारी की संभावना को देखते हुए लाहौल और किन्नौर जाने वाले पर्यटकों को भी एडवाइजरी दी गई है कि वे मौसम की अपडेट लेकर ही यात्रा करें। मौसम विभाग और जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि लगातार बारिश और तूफान से पेड़ गिरने, भूस्खलन, बिजली बाधित होने और छोटी नदियों-नालों में जलस्तर बढ़ने का खतरा है। इसलिए लोगों से अपील की गई है कि वे घरों से निकलते समय पूरी सावधानी बरतें और खराब मौसम में खुले क्षेत्रों से दूर रहें।