#विविध
October 31, 2025
हिमाचल में आज होगी देवताओं की बैठक- सुनाएंगे बड़ा फैसला, 300 से अधिक गुर होंगे शामिल
कुल्लू-मंडी के आराध्य देवता भी हो रहे शरीक
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कुल्लू। पिछले दो वर्षों में जब-जब बारिश और बाढ़ ने हिमाचल को रुलाया, तब-तब देव समाज ने इसे देवताओं की चेतावनी बताया। अब 31 अक्तूबर यानी आज नग्गर में देवी हिडिम्बा के आदेश पर एक बड़ी देव संसद आयोजित की जा रही है। देव समाज का मानना है कि यह बैठक प्रकृति और मानव के बीच बिगड़े संतुलन को सुधारने का प्रयास होगी।
देवी हिडिम्बा का आदेश और नग्गर की तैयारी
देवी हिडिम्बा, जिन्हें कुल्लू राजवंश दादी  के रूप में पूजता है, ने इस बार देव समाज को नग्गर में एकत्र होने का आदेश दिया है। शुक्रवार सुबह नग्गर जगती में शुरू होने वाली देव संसद में कुल्लू घाटी के साथ मंडी जिले के देवी-देवता भी शामिल होंगे। महर्षि पराशर के प्रतीक निशान चादर और पुष्पमाला के रूप में देवता नग्गर पहुंचेंगे। यह आयोजन कुल्लू राजघराने के महेश्वर सिंह की अगुवाई में होगा, जिन्होंने सभी देवताओं को औपचारिक निमंत्रण भेजा है।
देव संसद की परंपरा और शक्ति
हिमाचल की देव संस्कृति में देव संसद वह स्थान है, जहां न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक, पर्यावरणीय और आचरण से जुड़े निर्णय लिए जाते हैं। इतिहास में कई बार देव संसद के निर्णयों ने सरकारी नीतियों तक को प्रभावित किया है।
मनाली के पास पलचान-गुलाबा क्षेत्र में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्की विलेज इसका उदाहरण है, जिसे देव समाज के विरोध के बाद रद्द करना पड़ा था। यह देव संसद इस बात का प्रतीक है कि देव संस्कृति आज भी लोक जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है।
आस्था और चेतावनी का संगम
देव समाज का मानना है कि पिछले वर्षों की प्राकृतिक आपदाएं केवल “कुदरत का कहर” नहीं, बल्कि देवताओं की चेतावनी हैं। यह देव संसद सामूहिक प्रार्थना और आत्ममंथन का अवसर होगी। माना जा रहा है कि इसमें पर्यावरण संरक्षण, देव मर्यादा और समाजिक संतुलन पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।