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April 24, 2025
शिमला से शिफ्ट होंगे कई सरकारी दफ्तर, अब लोगों को काटने पड़ेंगे धर्मशाला के चक्कर- यहां जाने पूरी खबर
धर्मशाला नगर निगम जल्द ही समृद्धि भवन में शिफ्ट होने जा रहा है
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की जनता के लिए अहम खबर है। जल्द ही राजधानी शिमला के सरकारी दफ्तरों को धर्मशाला में शिफ्ट कर दिया जाएगा। ऐसे में शिमलावासियों को सरकारी कामों को निपटाने के लिए धर्मशाला के कई चक्कर काटने पड़ेंगे।
वहीं, सुक्खू सरकार के इस फैसले से दूसरी राजधानी धर्मशाला जल्द ही राज्य प्रशासनिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र बन सकती है। राज्य सरकार की प्राथमिकता अब केवल राजधानी शिमला तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि CM सुखविंदर सिंह सुक्खू की दूरदर्शी सोच के तहत कई राज्य स्तरीय कार्यालय अब धर्मशाला शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया में हैं।
धर्मशाला को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की योजना के तहत, पहले ही हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) और वाइल्ड लाइफ विभाग के कार्यालयों को यहां स्थानांतरित करने की घोषणा हो चुकी है। अब इस सूची में शिक्षा विभाग सहित अन्य कई अहम कार्यालय भी शामिल किए जा सकते हैं। इसके लिए कांगड़ा जिला प्रशासन ने धर्मशाला में सरकारी भवनों की तलाश तेज कर दी है।
आपको बता दें कि उपायुक्त कांगड़ा हेम राज वैरवा के नेतृत्व में करीब एक दर्जन से अधिक ऐसे स्थलों की पहचान की जा रही है, जहां कार्यालयों को स्थापित किया जा सके। धर्मशाला नगर निगम जल्द ही समृद्धि भवन में शिफ्ट होने जा रहा है, जिससे वर्तमान निगम भवन खाली हो जाएगा। स्मार्ट सिटी परियोजना का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है और उसका कार्यालय भी शीघ्र ही खाली होने वाला है। इसके अलावा अघंजर महादेव मंदिर परिसर में ADB के सहयोग से बना भवन, तपोवन रोड पर सिटी लाइवलीहुड सेंटर, हिमाचल ग्रामीण भंडार, मर्जर किए गए सरकारी स्कूलों के भवन, और जिला परिषद का एक भवन भी उपयोग में लाने लायक हैं।
शिमला में बढ़ते प्रशासनिक भार और सुविधाओं पर दबाव को देखते हुए यह कदम राज्य के संतुलित विकास की दिशा में एक अहम पहल साबित हो सकता है। धर्मशाला, जहां पहले ही विधानसभा के शीतकालीन सत्र आयोजित किए जाते हैं, अब स्थायी रूप से भी प्रशासनिक गतिविधियों का गढ़ बन सकता है।
उपायुक्त हेम राज वैरवा ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री की पर्यटन राजधानी संबंधी घोषणा के अनुरूप कार्य तेजी से चल रहा है। भवनों की स्थिति, पहुंच और आवश्यकता के आधार पर उपयुक्त स्थानों का चयन किया जा रहा है, ताकि धर्मशाला को एक मजबूत प्रशासनिक पहचान मिल सके।