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January 26, 2025

हिमाचल के दिलवर खान को कीर्ति चक्र, जम्मू-कश्मीर में आतंकी को किया था ढेर

दिलदार जवान दिलवर खान को मरणोपरांत कीर्ति चक्र

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dilwar khan kirti chakra

ऊना। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के बंगाणा तहसील के घरवासड़ा गांव के वीर सपूत नायक दिलवर खान को उनकी अद्वितीय वीरता के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र (Posthumous Kirti Chakra) से सम्मानित किया जा रहा है। बता दें कि  28 वर्ष  की आयु में प्रदेश के जांबाज ने अपने प्राण भारत माता के लिए न्योछावर कर दिए थे।

28वीं राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन में दे रहे थे सेवाएं

मार्च 1996 में जन्मे नायक दिलवर खान ने भारतीय सेना की 28वीं राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन में सेवा करते हुए 23 जुलाई 2024 को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले की लोलाब घाटी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। उस समय उनकी आयु केवल 28 वर्ष थी। 

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शहादत के बाद मिल रहा सर्वोच्च सम्मान

नायक दिलवर खान ने मुठभेड़ के दौरान अदम्य साहस का परिचय दिया और आतंकियों से संघर्ष करते हुए देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी वीरता को मान्यता देते हुए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा। 

जम्मू-कश्मीर में मिली शहादत

बताते चलें कि 23 जुलाई 2024 की रात, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले की लोलाब घाटी में नायक दिलवर खान और उनकी टुकड़ी घने जंगलों में आतंकवादियों की तलाश में तैनात थे। रात लगभग 11:30 बजे उन्होंने दो आतंकवादियों को देखा जिनमें से एक बेहद करीब था। बिना किसी डर के, नायक दिलवर खान ने उस आतंकवादी पर झपट्टा मारा। इस दौरान भारी गोलीबारी हो रही थी और दूसरा आतंकवादी दूर से अंधाधुंध फायरिंग कर रहा था। 

 आतंकवादी  को मार गिराया

गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, नायक दिलवर खान ने अपनी जान की परवाह किए बिना उस आतंकवादी को पकड़ लिया और उसे मार गिराया। उनका साहस और बलिदान उनकी शहादत के बाद भी जीवित रहेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा।

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18 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती

नायक दिलवर खान का जीवन एक प्रेरणा है। मार्च 1996 में जन्मे दिलवर ने केवल 18 साल की उम्र में 2014 में भारतीय सेना में भर्ती होने का निर्णय लिया। अपनी देशभक्ति के जुनून से प्रेरित होकर उन्होंने न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस कराया। उनका बलिदान देशवासियों के लिए एक प्रेरणा बनेगा और उनकी वीरता की कहानी हमेशा देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक बनेगी। 

 

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परिवार को दिलवर खान पर गर्व

नायक दिलवर खान के परिवार को इस महान उपलब्धि पर गर्व है। उनके पिता कर्मदीन और माता भोलन बीबी का सिर गर्व से ऊंचा है, जिन्होंने अपने बेटे की वीरता और बलिदान पर गर्व किया। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने शहीद दिलवर खान के परिवार को सहारा देने के लिए 1 करोड़ रुपये का बीमा लाभ प्रदान किया था।

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