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July 3, 2025
हिमाचल : मलबे की चपेट में आई लड़की ने दिखाई बहादुरी, कई घंटों तक लड़ी जिंदगी की जंग- ऐसे बची
भूस्खलन की चपेट में आई अकेली लड़की ने दिखाई बहादुरी
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी में हुई तबाही में अब तक 16 लोगों ने अपनी जिंदगी से हाथ धो लिया है। वहीं बारिश और भूस्खलन के कहर से कई घर अब मलबे में तब्दील हो चुके हैं। लोगों के पास रहने के लिए आशियाने नहीं, तन ढकने के लिए कपड़े नहीं। ऐसे में सरकार राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए वायुसेना की मदद मांग रही है। इसी बीच मंडी के सराज से एक सुखद खबर सामने आ रही है।
सराज विधानसभा क्षेत्र की एक बेटी ने ऐसे वक्त में हिम्मत की मिसाल पेश की है, जब पूरा इलाका बारिश और भूस्खलन के कहर से जूझ रहा है। बगस्याड़ के शरण गांव की तूनेजा ठाकुर उस वक्त मलबे में फंस गई जब वह अकेली रास्ते से गुजर रही थी। अचानक ऊपर से भूस्खलन हुआ और दीक्षा (तूनेजा) ज़मीन में धंसने लगी, लेकिन उसने हार नहीं मानी।
बेटी के हौसले को सलाम!
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) July 2, 2025
सराज प्रवास के दौरान भारी बारिश के कारण हुए जानमाल का नुकसान देखकर मन बहुत दुःखी है।
लेकिन ऐसी आपदा में बगस्याड़ के शरण गांव की बेटी दीक्षा ने अपनी हिम्मत का परिचय देते हुए भूस्खलन की चपेट में आने के बावजूद खुद को मलबे से सुरक्षित निकाला, जोकि प्रेरणा से… pic.twitter.com/kTYO5li38O
इस दर्दनाक हादसे में जहां कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, वहीं तूनेजा ने बिना घबराए खुद को मलबे से बाहर निकाला। मिट्टी और पत्थरों के ढेर में फंसी इस बेटी ने अपना हौंसला नहीं छोड़ा, यही उसकी असली ताकत थी। आपदा से जूझते इस दौर में यह घटना एक उजाला बनकर सामने आई है कि साहस उम्र नहीं देखता, हालात नहीं देखता, बस संकल्प देखता है।
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने तूनेजा से व्यक्तिगत मुलाकात कर उसका हौंसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि तूनेजा ने जिस बहादुरी के साथ खुद को बचाया है, वह हिमाचल की हर बेटी के लिए प्रेरणा है। ऐसी बेटियां आपदा में भी उम्मीद की किरण हैं। जयराम ठाकुर ने प्रशासन से भी आग्रह किया कि ऐसे साहसी बच्चों को सम्मानित किया जाए, ताकि आपदा में हिम्मत और संकल्प के ये किस्से सामने आते रहें।
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