#हादसा
July 3, 2025
हिमाचल : क्वार्टर लेकर बेटियों संग घर से दूर रह रही थी कांता, तेज बहाव में बह गया पूरा परिवार
मंडी के देजी गांव में कांता देवी और उसकी तीन मासूम बच्चियाँ बारिश की दरिया में समा गईं
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मंडी।हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हुई मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने कइयों की दुनिया उजाड़ दी है, लेकिन सबसे मार्मिक तस्वीर सामने आई है सराज उपमंडल की ग्राम पंचायत पखरैर के देजी गांव से। यहां कांता देवी, अपनी तीन बेटियों के साथ रहती थीं इस त्रासदी में चारों बह गई हैं।
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद से गांव में मातम पसरा है। बचाव टीमें दिन-रात सर्च ऑपरेशन में जुटी हैं, लेकिन अब तक चारों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। गांव के लोग सदमे में हैं। एक मां, उसकी गोद की तीन बच्चियां और एक ही झटके में सबकुछ खत्म। बताया जा रहा है कि कांता देवी अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए यहां एक छोटे से क्वार्टर में रह रही थी। जो काल का ग्रास बन गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, हिमाचल में 30 जून की रात से लेकर अब तक 17 स्थानों पर बादल फटे, जिससे 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 34 लोग अभी भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है, लेकिन अब लापता लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीद क्षीण होती जा रही है।
सराज विधानसभा क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। 168 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है। खासतौर पर जंजैहली, बगशयाड़, कटारू, केवली नाल और ढींम जैसे क्षेत्रों में घरों में मलबा घुस गया, कई मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए।
जंजैहली के नवनिर्मित बस स्टैंड के पास खड्ड ने अपना रुख बदल लिया, जिससे बस स्टैंड का हिस्सा तक बह गया। रेल चौक, जरोल, बोड़ीधार और कुथाह जैसे इलाकों में दर्जनों घर प्रभावित हुए हैं।
सीएम सुखविंदर सुक्खू ने सराज में भारी नुकसान के बाद वायु सेना से 2 हेलिकॉप्टर की मदद मांगी थी। अब हेलिकॉप्टर के जरिए बगशयाड़ और अन्य कटे इलाकों में राशन व जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है। ज़मीन से संपर्क लगभग टूट चुका है और 80% सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हैं।
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