#विविध
July 29, 2025
सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला- सूबे के 100 प्राइमरी-मिडिल स्कूलों पर जड़ा परमानेंट ताला
120 स्कूलों को किया मर्ज, ढाई साल में 1150 स्कूल बंद
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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को व्यवहारिक, जरूरत आधारित और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सुक्खू सरकार ने प्रदेश के 100 प्राइमरी और मिडिल स्कूलों पर परमानेंट ताला लगा दिया है।
इतना ही नहीं 120 स्कूलों को मर्ज भी किया गया है। इसे लेकर शिक्षा विभाग के सचिव राकेश कंवर ने आदेश जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि यह फैसला लंबे समय से चली आ रही मांग और खर्च बनाम परिणाम के असंतुलन को संतुलित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने जीरर एनरोलमेंट वाले 100 प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को बंद किया है। इन स्कूलों में-
सुक्खू सरकार द्वारा 120 ऐसे प्राइमरी स्कूलों को साथ लगती पाठशालाओं में मर्ज किया गया है- जिनमें बच्चों की संख्या पांच या उससे कम थी।
विदित रहे कि, प्रदेश सरकार इससे पहले भी सरकारी स्कूलों को लेकर कड़े फैसले ले चुकी है। पिछले ढाई साल से अब तक प्रदेश सरकार 1150 स्कूल बंद और मर्ज कर चुकी है। राज्य सरकार का तर्क है कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या शून्य है या 10 से कम है, उन्हें बंद और मर्ज कर बड़ी इकाइयों में समाहित किया जा रहा है, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके और पढ़ाई में गुणवत्ता लाई जा सके। लेकिन इस फैसले की आलोचना भी हो रही है, क्योंकि इससे दूरदराज के गांवों के बच्चों की पहुंच शिक्षा तक सीमित हो सकती है।
सरकार को उम्मीद है कि यह पहल न केवल शिक्षण प्रणाली में सुधार लाएगी, बल्कि विद्यार्थियों की समझ, लेखन अभ्यास और परिणामों में भी सकारात्मक परिवर्तन लाएगी। हालांकिए स्कूल बंद करने की नीति और नई प्रणाली को लेकर शिक्षक संगठनों व अभिभावकों के बीच मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
जिन 72 प्राइमरी स्कूलों और 28 मिडिल स्कूलों पर ताला जड़ा गया है उनमें ये स्कूल शामिल हैं-
जिन 120 स्कूलों को मर्ज किया गया है, उनमें ये स्कूल शामिल हैं-