#विविध
December 3, 2025
संजौली केस में HC का आदेश- नीचे की मंजिल अभी छोड़ दो, ऊपर का हिस्सा तोड़ दो..
वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने जिला अदालत में दी थी चुनौती
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित संजौली मस्जिद के विवादित ढांचे को लेकर आज बुधवार सुबह हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। अदालत ने मस्जिद की ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, दूसरी मंजिल से ऊपर बनी अवैध मंजिलों को गिराने के पहले दिए गए निर्देशों को हाई कोर्ट ने जस का तस बरकरार रखा है।
बेंच की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने स्पष्ट कहा कि जिन ऊपरी मंजिलों को गिराने का आश्वासन स्वयं संबंधित पक्षों ने दिया था, उन्हें अब हर हाल में ढहाना होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता, तो शिमला नगर निगम को इन्हें स्वयं हटाने का अधिकार होगा। अदालत ने मामले में नगर निगम को नोटिस भी जारी किया है। अब अगली सुनवाई मार्च 2026 में होगी।
संजौली इलाके में बनी इस मस्जिद का ढांचा पिछले कई महीनों से विवाद में है। शिमला नगर निगम ने 3 मई 2025 को एक आदेश जारी कर मस्जिद के पूरे निर्माण को अवैध बताया था और पूरा ढांचा हटाने को कहा था। निगम का कहना था कि मस्जिद निर्माण के लिए न तो सही अनुमति ली गई थी और न ही मंजूरशुदा नक्शे के अनुसार निर्माण हुआ।
नगर निगम के फैसले को वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने जिला अदालत में चुनौती दी थी। कई दौर की सुनवाई के बाद, 30 अक्टूबर को जिला अदालत ने निगम आयुक्त के आदेश को सही ठहराया और 30 दिसंबर तक अवैध हिस्सों को हटाने को कहा।
पहले दायर की गई याचिका को वक्फ बोर्ड ने कानूनी आधार मजबूत न होने की वजह से वापस ले लिया था। इसके बाद बोर्ड ने सभी कानूनी प्रावधानों के मुताबिक नई याचिका दाखिल की, जिस पर बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
याचिका में बोर्ड ने जिला अदालत और नगर निगम आयुक्त के फैसले को चुनौती दी, जिसके बाद हाई कोर्ट ने निचली दो मंजिलों को फिलहाल सुरक्षित रखने का आदेश दिया, लेकिन ऊपरी मंजिलें गिराने के निर्देशों को नहीं रोका।
अगली सुनवाई मार्च में होगी, लेकिन तब तक मस्जिद का निचला हिस्सा यथावत रहेगा। ऊपरी हिस्से को गिराने की जिम्मेदारी मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड पर रहेगी। यदि वे निर्धारित समय में ऐसा नहीं करते, तो नगर निगम को कार्रवाई करने की खुली छूट रहेगी।