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January 26, 2025

हिमाचली मुंडा लाया फ्रांस की दुल्हनिया, हिंदू रीति-रिवाज से निभाई शादी की रस्में

श्रीराम सीता लक्ष्मण मंदिर में संपन्न हुआ शादी

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Himachal News

शिमला। कहते हैं कि प्रेम की कोई सीमा नहीं होती और न ही यह धर्म, जाति या संस्कृति से बंधा होता है। हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियां, भोले-भाले लोग और यहां की संस्कृति हर किसी को अपनी ओर बहुत आकर्षित करती है। ऐसे में बहुत बार ऐसा देखने को मिलता है कि ना सिर्फ किसी दूसरे राज्य के लोग बल्कि विदेशी भी हिमाचली के साथ शादी कर अपना नया जीवन शुरू करते हैं।

हिमाचली से फ्रांस की युवती ने की शादी

ताजा मामले में फ्रांस की एक युवती ने हिमाचल प्रदेश के युवक से हिंदू रीति-रिवाज में शादी की है। यह अनोखी शादी बीते वीरवार को गोकर्ण के मुख्य समुद्र तट के पास बने श्रीराम सीता लक्ष्मण मंदिर में संपन्न हुई है।

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हिंदू रीति-रिवाज में हुई शादी

फ्रांस की क्लारिश रिच और हिमाचल प्रदेश के दिनेश कुमार ने श्रीराम सीता लक्ष्मण मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ विवाह कर यह साबित किया कि प्रेम न तो सीमाओं में बंधता है और न ही धर्म, जाति या संस्कृति की दीवारों को मानता है।

 

इस विवाह में भारतीय और विदेशी संस्कृति का गहरा तालमेल दिखा। पवित्र मंत्रोच्चारण और वैदिक परंपराओं के बीच यह जोड़ा एक-दूसरे के साथ बंधन में बंधा। यह विवाह ना केवल व्यक्तिगत प्रेम की कहानी है, बल्कि भारतीय संस्कृति और उसकी विविधता का भी जीवंत उदाहरण है।

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सपना सच हो गया

क्लारिश रिच ने हमेशा भारतीय संस्कृति को करीब से महसूस किया और इसे अपनाने की इच्छा रखी। हिमाचल प्रदेश के दिनेश कुमार से उनके प्रेम ने इसे और मजबूत किया। विवाह के बाद क्लारिश ने बताया, “मैं हमेशा भारतीय संस्कृति और यहां के लोगों को पसंद करती थी। आज यह सपना सच हो गया।

 

स्थानीय लोग और मंदिर के पुजारियों ने नवविवाहित जोड़े को विशेष आशीर्वाद दिया और उनके सुखमय जीवन की कामना की। गोकर्ण के लोगों का कहना है कि ऐसे विवाह उनके समुदाय के लिए प्रेरणा हैं, जो भारतीय संस्कृति की व्यापकता और विश्व स्तर पर उसके सम्मान को दर्शाते हैं।

 

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एक नई शुरुआत का प्रतीक

यह विवाह केवल क्लारिश और दिनेश के लिए ही नहीं, बल्कि दोनों परिवारों और समुदाय के लिए भी एक नई शुरुआत का प्रतीक है। गोकर्ण में इस प्रकार की शादियों ने यह सिद्ध किया है कि भारतीय परंपराएं और प्रेम, दोनों दुनिया को एकजुट कर सकते हैं।

 

स्थानीय लोगों का मानना है कि ऐसे विवाह गोकर्ण की पहचान को और भी विशेष बनाते हैं। यह विवाह न केवल प्रेम की विजय का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति की समृद्धि और वैश्विक मान्यता का एक सुंदर उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।

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