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September 5, 2025
हिमाचल में दरका पहाड़- देवता साहिब ने किसी को नहीं आने दी खरोंच, खुद पर लिया संकट
काली नाग जी का मंदिर सदियों से लोगों की आस्था का केंद्र है
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से देव परंपरा को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। बीते दिनों लगातार हुई भारी बारिश के दौरान आए भूस्खलन से क्षेत्र के आराध्य देव काली नाग जी दारल (चेहट्टीगढ़) मंदिर को गंभीर क्षति पहुंची है।
यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए गहरी पीड़ा लेकर आई है, बल्कि पूरे इलाके की आस्था को भी हिला गई है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, भक्त इसे सामान्य प्राकृतिक आपदा नहीं मान रहे। उनका कहना है कि देव काली नाग जी ने अपनी प्रजा और क्षेत्र की रक्षा के लिए स्वयं यह आघात सह लिया।
ग्रामीण मानते हैं कि यदि देवता का मंदिर न होता तो इस आपदा का असर गांव और लोगों की जान-माल पर अधिक होता। भक्त इसे देवता के त्याग और करुणा के रूप में देख रहे हैं। काली नाग जी का मंदिर सदियों से इस क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र रहा है।
यहां नियमित देव अनुष्ठान और मेलों का आयोजन होता रहा है, जिसमें दूरदराज से लोग श्रद्धा के साथ पहुंचते हैं। मंदिर को नुकसान पहुंचने से गांव और आसपास के क्षेत्रों के लोग बेहद आहत हैं।
हालांकि मंदिर को हुए नुकसान से भावनाएं गहरी चोटिल हुई हैं, लेकिन भक्तों की श्रद्धा और विश्वास अडिग है। ग्रामीण अब एकजुट होकर मंदिर के पुनर्निर्माण और संरक्षण के लिए आगे आ रहे हैं। उनका कहना है कि देवता की कृपा से मंदिर फिर से पहले की तरह भव्य स्वरूप लेगा।
स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि देव परंपरा में देवता अपने क्षेत्र और प्रजा के दुख-दर्द को साझा करते हैं। यह घटना भी उसी परंपरा का प्रमाण है कि जब जनता पर संकट आता है तो देवता स्वयं आगे बढ़कर अपने अनुयायियों की रक्षा करते हैं।