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January 17, 2025
हिमाचल में एक साल तक नए क्रशर और लीज पर रोक, नहीं कर पाएंगे अवैध खनन
खनन विभाग ने लिया बड़ा फैसला
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ऊना। हिमाचल प्रदेश के शिमला में आयोजित एक अहम बैठक में खनन विभाग ने अवैध खनन को रोकने और राजस्व में वृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इन फैसलों से प्रदेश में अवैध खनन पर कड़ी निगरानी रखने की योजना बनाई गई है। अवैध खनन की बढ़ती शिकायतों के चलते नई लीज और क्रशर पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है।
बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि ऊना जिले में पुराने क्रशर चलते रहेंगे, लेकिन नए क्रशर और लीज पर यह रोक लागू रहेगी। इस फैसले के बाद आगामी दिन में एक अधिसूचना जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि खनन विभाग ने जिले में अवैध खनन की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर नई लीज और क्रशर पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।
कुछ स्थानों से यह शिकायतें आई हैं कि अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते समय पुलिस और कुछ अन्य अधिकारियों द्वारा खनन माफिया को रेड की सूचना पहले ही लीक कर दी जाती है। इस मामले पर उद्योग मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से शिकायत की गई है और सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि इस प्रकार के लीक मामले में सख्त कार्रवाई की जाए।
खनन विभाग ने अवैध खनन पर काबू पाने के लिए अपनी एक विशेष फोर्स बनाने का निर्णय लिया है। यह फोर्स पुलिस, होमगार्ड और खनन विभाग के अधिकारियों से मिलकर बनाई जाएगी और इस फोर्स को हथियारों से लैस किया जाएगा। फोर्स की तैनाती मुख्य रूप से बॉर्डर एरिया में की जाएगी, जहां अवैध खनन के मामले अधिक पाये जाते हैं।
खनन विभाग ने सड़क, रेलवे और जल विद्युत परियोजनाओं समेत विभिन्न परियोजनाओं के लिए रॉयलटी की दर बढ़ाने का फैसला लिया है। अब रॉयलटी 80 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 140 रुपये प्रति टन कर दी जाएगी। इस फैसले से राज्य को अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा खनन विभाग ने अपनी आईटी सैल को और मजबूत करने का भी निर्णय लिया है। विभाग एम-फॉर्म की ऑनलाइन चेकिंग करेगा और गलत उपयोग पर रोक लगाएगा। इसके साथ ही, विभाग अब खनन से संबंधित विभिन्न फॉर्म ऑनलाइन ही बनाएगा।
15 दिसंबर से 31 दिसंबर 2024 तक अवैध खनन के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया गया था। इस दौरान 260 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिन पर 12.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। विभाग ने इसके जरिए प्रदेश भर में अवैध खनन की रोकथाम के लिए जनता से सहयोग की अपील की थी।
खनन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, विभाग के राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में विभाग का राजस्व 210 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में बढ़कर 310 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। विभाग ने इस वर्ष 350 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया है। इन फैसलों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश सरकार अवैध खनन पर कड़ी नजर रखने और प्रदेश के खनन संसाधनों का सही तरीके से दोहन करने का प्रयास कर रही है।