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March 22, 2025
केंद्र से आपदा राहत नहीं मिली तो अगली बड़ी आफत कैसे झेलेगा हिमाचल प्रदेश
केंद्रीय गृह मंत्री से मदद का फिर भरोसा लेकर आए CM सुक्खू
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में साल 2023 की प्राकृतिक आपदा को याद कर अभी भी लोगों की रूह कांप जाती है। इस आपदा में राज्य के ढांचागत संसाधनों को भारी तबाही हुई थी। हिमाचल सरकार ने केंद्र को 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान का मुआवजा मांगा है। शनिवार को CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात कर हिमाचल के हिस्से के मुआवजे की रकम जल्द जारी करने का अनुरोध किया है।
इससे पहले CM सुक्खू केंद्रीय वित्त मंत्री से भी मुलाकात कर सकेंगे। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि करीब दो साल से राजनीति की भेंट चढ़े इस मसले पर अगर फिर लेटलतीफी होती है तो हिमाचल प्रदेश अगले मॉनसून के दौरान ऐसी कोई बड़ी आपदा का सामना कैसे करेगा?
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CM सुक्खू ने गृह मंत्री को बताया कि 2023 की प्राकृतिक आपदा में हिमाचल प्रदेश की कई पेयजल योजनाओं, सिंचाई स्कीम्स, सड़कों और पुलों को गंभीर नुकसान उठाना पड़ा था। केंद्र से आपदा सहायता नहीं मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से ढांचागत संरचनाओं को दुरुस्त करने और प्रभावित परिवारों की मदद का प्रयास किया है। लेकिन राज्य की माली हालत अच्छी नहीं है। ऐसे में सरकार को केंद्र से अविलंब सहायता की जरूरत है।
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केंद्रीय गृह मंत्री ने CM सुक्खू को हरसंभव सहायता का वादा किया है। अमित शाह ने माना कि हिमाचल प्रदेश की स्थिति गंभीर है। ऐसे में राज्य को मिलने वाली वित्तीय सहायता की समीक्षा कर फंड जारी करने की जरूरत है। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व ओंकार चंद शर्मा उपस्थित थे।
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CM सुक्खू की केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात का नतीजा कर्ज में डूबे हिमाचल प्रदेश को आर्थिक संकट के दौरान दो साल पहले की आपदा से हुए नुकसान से उबरने की ताकत देने वाला साबित होगा। लेकिन एक आशंका यह भी है कि हिमचाल प्रदेश की मांग को बीते 2 साल से केंद्र सरकार ने जिस तरह से अनदेखा किया है और अगर एक बार फिर यही हुआ तो प्रदेश आने वाले मॉनसून के दौरान ऐसी किसी बड़ी आपदा को कैसे झेल पाएगा।