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December 14, 2025
हिमाचल: हाथ में डंडे लेकर रात को सड़कों पर उतरी नारी शक्ति, बच्चों को नशा तस्करों से बचाना लक्ष्य
बच्चों को बचाने की जंग में गांव की महिलाएं बनीं नशा विरोधी प्रहरी
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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में चिट्टा ;हेरोइनद्ध जैसे घातक नशे से अपने बच्चों और युवा पीढ़ी को बचाने के लिए महिलाएं एकजुट हो गई हैं। सड़कों पर उतरकर, हाथों में जिम्मेदारी और आंखों में जागरूकता लिए महिलाएं पहरा दे रही हैं, ताकि नशा माफिया उनके गांवों और बच्चों तक ज़हर न पहुंचा सके। यह मुहिम सिर्फ एक गांव की नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में उठती उस
आवाज़ की प्रतीक है, जो कहती है कि अब समाज खुद लड़ेगा, और पूरी ताकत से लड़ेगा।
दरअसल नशे के बढ़ते खतरे के खिलाफ रात के अंधेरे में यह महिलाएं हाथों में डंडे लेकर उन सुनसान रास्तों पर पहरा दे रही हैं, जिन रास्तों पर नशा तस्कर अधिक सक्रिय रहते हैं। बिलासपुर जिले के सदर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले लघट गांव की महिलाओं ने सामूहिक पहल करते हुए रात के समय गांव की सड़कों पर पहरा शुरू कर दिया है। उद्देश्य साफ है युवाओं और स्कूली बच्चों को नशे की गिरफ्त से बचाना और गांव की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना।
लघट गांव दो पंचायतों बैरी रजादियां और बरमाणा को जोड़ता है। बरमाणा औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां आवाजाही अधिक रहती है। हाल के दिनों में पंजगाईं, बरमाणा, बैरी, हरनोड़ा, धार.टटोह और घाघस क्षेत्र तक नशा तस्करों की सक्रियता की सूचनाएं सामने आती रही हैं। गांव में बना नया लिंक रोड रात के समय सुनसान हो जाता है, जिसका फायदा उठाकर तस्कर इसे अपना ठिकाना बना रहे थे। अब यही सड़क महिलाओं की सतर्क निगरानी में है।
महिला मंडल की प्रधान पिंकी शर्मा का कहना है कि चिट्टा जैसे नशे ने युवाओं को तेजी से बर्बादी की ओर धकेला है। केवल पुलिस या प्रशासन पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं, समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि गांव या आसपास किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति को मौके पर ही रोका जाएगा और तुरंत पुलिस को सूचित किया जाएगा।
इस पहल को ग्रामीणों का पूरा सहयोग मिल रहा है। कई पुरुष ग्रामीण भी महिलाओं के साथ रात के पहरे में शामिल हो रहे हैं, जबकि अन्य लोग संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखकर महिला मंडल और पुलिस तक सूचना पहुंचाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। यह सामूहिकता ही इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है।
महिला मंडल ने दो टूक कहा है कि नशा बेचने वालों और उन्हें संरक्षण देने वालों के लिए गांव में कोई स्थान नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर महिलाएं सामूहिक रूप से सख्त कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगी। इस मुहिम में उर्मिला देवी, कुसुमलता, अंजू शर्मा, कंचन चंदेल, मीरा देवी, सपना देवी और रीना देवी सहित कई महिलाएं सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
लघट गांव की महिलाओं का यह साहसिक कदम न केवल स्थानीय स्तर पर सुरक्षा का भरोसा जगा रहा है, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लिए भी मजबूत संदेश दे रहा है। जब समाज एकजुट हो जाए, तो नशे के खिलाफ प्रभावी और निर्णायक लड़ाई संभव है। हिमाचल की ये महिलाएं आज पहरेदार हैं, ताकि कल की पीढ़ी सुरक्षित और नशा.मुक्त भविष्य देख सके।