#विविध
October 25, 2025
हिमाचल : 10 लाख का सामान देख नहीं डोला ऑटो ड्राइवर का ईमान, पर्यटक को ढूंढकर लौटाया बैग
बैग में पड़ा था कैमरा, ड्रोन और अन्य कीमती सामान
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल मनाली में एक ऑटो रिक्शा चालक ने अपनी ईमानदारी से लोगों का दिल जीत लिया। मंडी जिले के रहने वाले ऑटो चालक सतीश कुमार ने मुंबई से आए पर्यटक श्रीकांत वशिष्ठ का लगभग 10 लाख रुपये कीमत का बैग बिना किसी लालच के लौटाकर इंसानियत की मिसाल पेश की है।
यह घटना बीते कल दोपहर की बताई जा रही है, जब मुंबई के ठाणे निवासी श्रीकांत वशिष्ठ अपने परिवार के साथ मॉल रोड घूमने पहुंचे थे। उन्होंने हिडिंबा ऑटोरिक्शा यूनियन के एक रिक्शा से होटल से मॉल रोड तक की सवारी की। वहां पहुंचकर वे जल्दी-जल्दी में उतर गए और कैमरा, ड्रोन, मोबाइल और अन्य कीमती सामान से भरा बैग रिक्शा में ही भूल गए।
श्रीकांत वशिष्ठ के अनुसार, बैग में करीब 4 लाख रुपये का प्रोफेशनल कैमरा, लगभग 2.5 लाख रुपये का ड्रोन, एक मोबाइल फोन और अन्य सामान था। कुल मिलाकर बैग की कीमत करीब 10 लाख रुपये आंकी गई। कुछ ही देर बाद उन्हें बैग के गुम होने का एहसास हुआ, जिसके बाद उन्होंने मनाली ऑटोरिक्शा ऑपरेटर्स यूनियन के कार्यालय से संपर्क किया और पूरी घटना की जानकारी दी।
जैसे ही यूनियन प्रधान मोतीराम को इस घटना की जानकारी मिली, उन्होंने वायरलेस और मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए सभी ऑटो चालकों को सूचित किया। कुछ ही मिनटों में ड्राइवर सतीश कुमार ने जवाब दिया कि उनके ऑटो में एक बैग रह गया है। उन्होंने बिना देर किए वह बैग यूनियन कार्यालय में पहुंचाया, जहां से उसे श्रीकांत को सुरक्षित लौटा दिया गया।
अपना कीमती सामान सही-सलामत पाकर पर्यटक श्रीकांत वशिष्ठ बेहद भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “हिमाचल जैसे सुंदर प्रदेश में लोगों का दिल भी उतना ही साफ है। अगर यह घटना किसी बड़े शहर में होती, तो शायद सामान वापस मिलना मुश्किल था। सतीश कुमार जैसे लोगों के कारण ही पर्यटन में विश्वास बना रहता है।”
यूनियन के प्रधान मोतीराम ने बताया कि ड्राइवर सतीश कुमार की ईमानदारी के लिए हिडिंबा ऑटोरिक्शा यूनियन जल्द ही एक विशेष समारोह में उसे सम्मानित करेगी। उन्होंने कहा कि 9 मई 2024 को यूनियन के गठन के बाद से अब तक 70 लाख रुपये से अधिक मूल्य का गुम सामान पर्यटकों और स्थानीय लोगों को लौटाया जा चुका है।
मोतीराम ने यह भी बताया कि उनकी यूनियन में 350 से अधिक ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं, और अब तक किसी के खिलाफ कोई नकारात्मक शिकायत दर्ज नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “हम अपने चालकों को हमेशा यही सिखाते हैं कि ईमानदारी सबसे बड़ा धर्म है। मनाली में आने वाले पर्यटक हमारी संस्कृति और व्यवहार से हिमाचल की पहचान करते हैं।”
इस घटना ने न केवल मनाली में बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश में एक सकारात्मक संदेश दिया है कि यहां की पहचान सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता नहीं, बल्कि ईमानदार और संस्कारी लोगों का व्यवहार भी है। ड्राइवर सतीश कुमार की यह ईमानदारी अब स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।