शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्की के आदेश होने के बाद प्रदेश सरकार को एक और झटका लगा है। हाईकोर्ट ने घाटे में चल रहे राज्य पर्यटन निगम (HPTDC) के 56 होटलों में से 18 को तुरंत प्रभाव से बंद करने का भी आदेश जारी किया है। यह फैसला निगम को हो रहे नुकसान को रोकने और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को समाप्त करने के लिए लिया गया है।
कर्मचारियों को भेजा जाएगा अन्य होटलों में
अदालत ने स्पष्ट किया है कि इन निर्देशों का पालन करना पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि इन होटलों में केवल आवश्यक स्टाफ रखा जाए ताकि उन्हें साफ-सुथरा रखा जा सके। बाकी स्टाफ को अन्य होटलों में स्थानांतरित किया जाए जहां कर्मचारियों की कमी है। इससे स्टाफ की कमी को पूरा किया जा सकेगा।
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न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने का फैसला
न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि घाटे में चल रहे होटलों को चालू रखने से जनता के संसाधन बर्बाद हो रहे हैं। इसीलिए अदालत ने इन होटलों को 25 नवंबर से बंद करने का आदेश दिया है।
बंद होने वाले 18 होटलों की सूची-
- द पैलेस होटल, चायल
- होटल गीतांजलि, डलहौजी
- होटल बाघल, दाड़लाघाट
- होटल धौलाधार, धर्मशाला
- होटल कुणाल, धर्मशाला
- होटल कश्मीर हाउस, धर्मशाला
- होटल एप्पल ब्लॉसम, फागू
- होटल चंद्रभागा, केलोंग
- होटल देवदार, खजियार
- होटल गिरीगंगा, खड़ापत्थर
- होटल मेघदूत, कियारीघाट
- होटल सरवरी, कुल्लू
- होटल लॉग हट्स, मनाली
- होटल हडिम्बा कॉटेज, मनाली
- होटल कुंजुम, मनाली
- होटल भागसू, मैक्लोडगंज
- होटल द कैसल, नग्गर
- होटल शिवालिक, परवाणू
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एमडी को दाखिल करना होगा शपथ पत्र
अदालत ने एमडी को इन आदेशों के अनुपालन की पुष्टि के लिए शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। इसके अलावा HPTDC को अपने सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और मृत कर्मचारियों के परिवारों को लंबित वित्तीय लाभों की सूची भी अदालत में पेश करने को कहा गया है। हाईकोर्ट के इस फैसले का उद्देश्य लंबे समय से घाटे में चल रहे होटलों पर हो रहे खर्च को रोकना और कर्मचारियों की वित्तीय समस्याओं का समाधान करना है।