#अपराध
January 29, 2025
हिमाचल: 80 के दशक में 7 पुलिस वालों को हुई थी उम्रकैद- दूसरी बार लगा खाकी पर दाग
सूरज हत्याकांड से पहले भी 80 के दशक में लॉकअप में आरोपी की हत्या पुलिसकर्मियों ने की
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सामने आए गुड़िया हत्याकांड की सूरज कड़ी में पुलिस वालों को सजा के बाद इतिहास पर भी चर्चाएं तेज है। बताया जा रहा है कि ये पहला मौका नहीं जब इतने पुलिस वालों को एक साथ सजा सुनाई गई हो। इससे पहले एक प्रमुख घटना 80 के दशक में मंडी जिले के बल्ह थाना में हुई थी। जहां चोरी के आरोपी को गिरफ्तार कर एक व्यक्ति को लॉकअप में पीट-पीटकर मार डाला।
80 के दशक में मंडी के बल्ह थाना में पुलिस ने चोरी के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।चोरी के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति को पुलिसकर्मियों ने लॉकअप में पीट-पीट कर मार डाला था। शव को जलाने का प्रयास किया गया था, लेकिन जब वह नहीं हो पाया तो उसे दरिया में फेंकने की कोशिश की गई। इस घटना में 7 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
वहीं, गुड़िया केस में लॉकअप में हुई सूरज की मौत में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। जहां SIT टीम ने जबरन सूरज को गुड़िया की हत्या और रेप के आरोपी बनाने की कोशिश की और लॉकअप में उसे मारा-पीटा गया। जहां उसकी मौत हो गई।
केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने हिमाचल पुलिस की SIT की साजिश का पर्दाफाश करते हुए पुलिस अधिकारियों और जवानों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए और उन्हें न्याय के दायरे में लाया। अब इन आरोपियों को ताउम्र के लिए जेल भेज दिया गया है। CBI कोर्ट के फैसले के बाद आरोपी पुलिसकर्मी अब अपनी सजा के खिलाफ ऊपरी कोर्ट में अपील कर सकते हैं।
हिमाचल के रिटायर डीजीपी आईडी भंडारी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पहली बार है जब आईजी और डीएसपी जैसे उच्च रैंक के अधिकारियों को इस तरह के मामले में सजा मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों से जनता का पुलिस पर से विश्वास उठ जाता है और पुलिस को अपनी छवि सुधारने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
मृतक सूरज की पत्नी ममता ने कहा कि उसके पति को जिस प्रकार तड़पा-तड़पा कर मारा गया, वैसा ही हाल हत्यारों का होना चाहिए। हालांकि, उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा देने के बजाय उम्रकैद की सजा पर संतोष जताया। ममता ने कहा कि वह नहीं चाहतीं कि जैसे उनके परिवार ने अपने पति को खोया है, वैसे ही आरोपियों के परिवार भी अपने प्रियजनों को खोएं।