#अपराध
May 5, 2025
हिमाचल : मंदिरों को भी नहीं बख्श रहे तस्कर, लंगर भवन में छिपा रखी थी खेप- पुलिस ने ऐसे पकड़ा
मंदिर की देखरेख करना वाला सेवक चरस संग हुआ गिरफ्तार
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सिरमौर। हिमाचल प्रदेश में नशे के कारोबार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इस काले कारोबार में अब महिलाएं भी शामिल हो चुकी हैं। नशा तस्करी का ये धंधा स्कूलों-कॉलेजों से लेकर मंदिरों और अस्पतालों तक अपने पैर पसार चुका है। इसी कड़ी में ताजा मामला सिरमौर से रिपोर्ट हुआ है।
पांवटा साहिब उपमंडल में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत डिटेक्शन सैल की टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। टीम ने बेहराल गांव स्थित एक मंदिर परिसर से चरस की खेप बरामद की है।
खास बात यह है कि यह चरस नगर देवता मंदिर के लंगर भवन में छिपाकर रखी गई थी और इसकी देखरेख करने वाला व्यक्ति ही इसका मुख्य आरोपी निकला। पुलिस के अनुसार, यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई। जानकारी मिलते ही डिटेक्शन सैल की टीम ने बिना समय गंवाए नगर देवता मंदिर परिसर में तलाशी अभियान चलाया।
तलाशी के दौरान लंगर भवन के भीतर रखे गए एक कैरी बैग से चरस बरामद हुई। बरामद पदार्थ को जब तौला गया तो उसका वजन 176 ग्राम निकला, जो कि एक बड़ी मात्रा मानी जाती है। इस मामले में पुलिस ने जिस व्यक्ति को हिरासत में लिया है, उसकी पहचान रामेश्वर पुत्र कमर चंद के रूप में हुई है- जो कि गांव बेहराल, पांवटा साहिब का निवासी है।
आरोपी रामेश्वर नगर देवता मंदिर में देखरेख का कार्य करता है और उसने इसी जिम्मेदारी का फायदा उठाकर मंदिर परिसर को नशे के गुप्त अड्डे के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश की। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और उससे गहन पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ के दौरान यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि चरस कहां से लाई गई थी, इसकी सप्लाई कहां होनी थी और इसमें और कौन-कौन लोग संलिप्त हो सकते हैं।
पुलिस अधीक्षक सिरमौर ने स्पष्ट किया है कि जिले में नशा माफिया के खिलाफ अभियान तेजी से चल रहा है और इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों को इस तरह की गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करना बेहद निंदनीय और समाज के लिए खतरनाक संकेत है।
स्थानीय लोगों ने भी इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि मंदिर जैसे पवित्र स्थानों को मादक पदार्थों के अड्डे में बदलना न केवल आस्था के साथ खिलवाड़ है, बल्कि यह सामाजिक ताने-बाने को भी बिगाड़ने की साजिश है। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाए और धार्मिक स्थलों की गतिविधियों पर समय-समय पर जांच की जाए।