#अपराध
October 7, 2025
हिमाचल के AIIMS में नर्सिंग ऑफिसर ने मरीज से पकड़ा चिट्टा, छुपाया था तकिए के नीचे
टांग का ऑपरेशन करवाने आया था पंजाबी
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बिलासपुर। AIIMS बिलासपुर जैसे देश के शीर्ष चिकित्सा संस्थान में नशा तस्करी और नशे के प्रवेश को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। संस्थान में उपचाराधीन एक मरीज के पास से चिट्टा (हेरोइन) बरामद होने का मामला सामने आया है। सवाल यह है कि कड़े सुरक्षा प्रबंधों वाले अस्पताल परिसर में यह नशीला पदार्थ पहुंचा कैसे?
सूत्रों के अनुसार, पंजाब के गढ़शंकर निवासी सतनाम सिंह पिछले 15 दिनों से AIIMS बिलासपुर के वर्चुअल वार्ड की दूसरी मंजिल पर बेड नंबर 360 में उपचाराधीन था। उसकी टांग में इंफेक्शन था और कुछ दिन पहले ही उसका ऑपरेशन किया गया था।
सोमवार को सतनाम इंजेक्शन लगवाने गया तो उससे पहले उसने तकिए के नीचे एक सफेद प्लास्टिक की डिब्बी छिपा दी। वहां ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग ऑफिसर NO को उसकी हरकत संदिग्ध लगी। जब मरीज इंजेक्शन लगवाने चला गया, तो नर्स ने उस डिब्बी की जांच की और अंदर से सफेद पाउडरनुमा पदार्थ देखा, जो बाद में चिट्टा (0.9 ग्राम) निकला।
नर्सिंग ऑफिसर ने तत्काल संस्थान की सुरक्षा शाखा को सूचना दी। सुरक्षा कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर सफेद डिब्बी को कब्जे में लिया और मरीज से पूछताछ शुरू की। मामला गंभीर देखते हुए एम्स प्रशासन ने पुलिस को सूचित किया और बरामद नशीले पदार्थ को जांच के लिए भेजा गया है।
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले करीब दो माह पहले AIIMS के मनोरोग वार्ड में एक तीमारदार से भी चिट्टा बरामद हुआ था, जब वह अपने मरीज से मिलने आया था। अब एक बार फिर मरीज से नशीला पदार्थ मिलने से अस्पताल की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गए हैं।
AIIMS बिलासपुर प्रशासन ने इस घटना को गंभीर सुरक्षा चूक माना है। सूत्रों के अनुसार, घटना की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है और यह पता लगाने का प्रयास हो रहा है कि मरीज तक यह नशा किस माध्यम से पहुंचा। अस्पताल में प्रवेश करने वाले तीमारदारों और मरीजों की सुरक्षा जांच प्रणाली को और सख्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थलों में नशे का पहुंचना यह दर्शाता है कि नशे की जड़ें समाज के हर स्तर तक फैल चुकी हैं। एम्स जैसे संस्थान, जहां गंभीर मरीज उपचार के लिए आते हैं, वहां इस तरह की घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था बल्कि नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी पर भी प्रश्न उठाती हैं।
फिलहाल, सुरक्षा कर्मियों और पुलिस टीम ने बरामद चिट्टे का सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषी पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह मरीज हो या अस्पताल के बाहर का कोई व्यक्ति।