#अपराध

August 10, 2025

हिमाचल की फैक्ट्री से 4 करोड़ कैप्सूल गायब- नशा तस्करों पर शक, 6 राज्यों तक फैला है नेटवर्क

CID ने धरे कई लोग- अभी और भी होंगी गिरफ्तारियां

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Solan News

सोलन। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी से देश के कई राज्यों तक फैले एक बड़े प्रतिबंधित दवा तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। स्टेट CID की जांच में सामने आया है कि यहां स्थित एक दवा उद्योग ने करीब चार करोड़ ट्रामाडोल कैप्सूल बिना किसी वैध दस्तावेज के बाहर भेज दिए।

CID की छापेमारी, खुली परतें

ट्रामाडोल एक प्रतिबंधित दवा है, जिसका इस्तेमाल नशेड़ी अपनी लत पूरी करने के लिए करते हैं, और इसकी भारी मांग अवैध नशा कारोबार में रहती है। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब सीआईडी ने ऊना के रक्कड़ कॉलोनी स्थित एक मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। वहां से उसी बैच के सैकड़ों कैप्सूल बरामद हुए, जिनका सीधा लिंक बद्दी के इस उद्योग से मिला।

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कई राज्यों में फैला जाल

दवा के बैच नंबर और गुप्त दस्तावेजों के आधार पर CID ने पूरे नेटवर्क की छानबीन शुरू कर दी है। जांच में सामने आया है कि यह प्रतिबंधित दवा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश तक भेजी गई।

कई लोग हुए गिरफ्तार

CID अब बैच नंबर के आधार पर अलग-अलग राज्यों में छापामारी कर रही है, ताकि पूरे सप्लाई चैन का पता लगाया जा सके। सूत्रों के मुताबिक, अब तक CID कुछ आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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कैप्सूल का नेटवर्क बड़ा

उनकी निशानदेही पर लगातार छापे पड़ रहे हैं, मगर चार करोड़ कैप्सूल के मुकाबले बरामदगी फिलहाल बेहद कम है। इसके बावजूद यह ऊना जिले में गगरेट के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्रतिबंधित दवा का जखीरा है, जिसने पुलिस और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

रसूखदार भी शक के घेरे में

CID का दावा है कि इस मामले में कुछ बड़े रसूखदारों की भूमिका भी संदिग्ध है। एजेंसी का कहना है कि चाहे कोई कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, एक-एक करके सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और इस तस्करी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा।

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नशा रोकथाम पर बड़ा सवाल

यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों में दवा उद्योगों की आड़ में प्रतिबंधित पदार्थों की सप्लाई का खतरा लगातार बढ़ रहा है। चार करोड़ कैप्सूल जैसी भारी मात्रा में ट्रामाडोल की बिना रिकॉर्ड बिक्री ने यह भी दिखा दिया है कि तस्कर अब सिर्फ सीमाई राज्यों में ही नहीं, बल्कि देश के भीतर गहराई तक अपनी जड़ें जमा चुके हैं।

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