#अपराध

December 22, 2025

हिमाचल से नेपाल-बांग्लादेश भेजा जा रहा था नशा- 60 लाख की खेप समेत 2 अरेस्ट

पटना ड्रग नेटवर्क में हिमाचल का कनेक्शन उजागर

शेयर करें:

patna drug bust

शिमला। हिमाचल की दवा फैक्ट्रियों से निकलने वाला कफ सीरप अब इलाज नहीं, बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में नशे का ज़हर बनता जा रहा है। बिहार की राजधानी पटना में हुई ताज़ा कार्रवाई ने हिमाचल को एक बार फिर ड्रग सप्लाई चेन के केंद्र में ला खड़ा किया है। सवाल सिर्फ इतनी बड़ी बरामदगी का नहीं है, सवाल उस सिस्टम का है, जहां पहाड़ों में बनी दवाएं मैदानों में युवाओं को बर्बाद कर रही हैं।

राजधानी पटना में ड्रग नेटवर्क का पर्दाफाश

पटना में नशे के सौदागरों का नेटवर्क लगातार फैलता जा रहा है। युवाओं को ड्रग्स की लत लगाकर तस्कर अपना धंधा बढ़ा रहे हैं। नशीले इंजेक्शन से लेकर कफ सीरप तक की लगातार बरामदगी इस बात का साफ संकेत है कि राजधानी अब बड़े ड्रग हब में तब्दील होती जा रही है।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : सलाखों के पीछे बैठे चिट्टा तस्करों ने खोले कई राज, अब पुलिस के हत्थे चढ़ी मास्टरमाइंड महिला

शनिवार को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि शहर के कुछ इलाकों में भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सीरप छिपाकर रखा गया है। इसके बाद चित्रगुप्त नगर और चौक थाना क्षेत्र में एक साथ छापेमारी की गई।

30 हजार से ज्यादा बोतलें, कीमत करीब 60 लाख

पुलिस की छापेमारी में कुल 30,380 बोतल प्रतिबंधित कफ सीरप बरामद की गई, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 60 लाख रुपये बताई जा रही है। यह कफ सीरप पटना के साथ-साथ अन्य शहरों में सप्लाई किया जाना था।

चौक थाना क्षेत्र में दो लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया है, जबकि चित्रगुप्त नगर में छापेमारी के दौरान आरोपी पिता-पुत्र फरार पाए गए, जिनकी तलाश जारी है।

हिमाचल से जुड़ता गया नशे का तार

जांच में जो सबसे अहम बात सामने आई, वह यह कि बरामद कफ सीरप का बड़ा हिस्सा हिमाचल प्रदेश की तीन अलग-अलग फार्मा कंपनियों में तैयार किया गया था। इसके अलावा कुछ खेप महाराष्ट्र से भी लाई गई थी।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : बेसहारा हुए दो मासूम- बीमारी से पिता का देहांत, घर छोड़कर चली गई मां

पुलिस के अनुसार, इन दवाओं को बिना किसी वैध लाइसेंस के स्टोर किया गया था और इनमें कोडीन फॉस्फेट की मात्रा मानक से कई गुना अधिक पाई गई, जिससे साफ है कि इन्हें इलाज नहीं, बल्कि नशे के उद्देश्य से तैयार किया गया था।

घर बना था गोदाम, सालों से चल रहा खेल

चित्रगुप्त नगर थाना क्षेत्र में मूलचंद पथ स्थित एक मकान से 25,580 बोतल कफ सीरप बरामद की गई। यह खेप वासुदेव और उसके बेटे विजय के घर से मिली। जांच में सामने आया कि दोनों पिछले डेढ़ साल से इस अवैध कारोबार में सक्रिय थे और उनके पास दवा भंडारण का कोई लाइसेंस नहीं था।

वाहनों में भरकर हो रही थी सप्लाई

वहीं, चौक थाना क्षेत्र के झाऊगंज इलाके में वाहन जांच के दौरान दो गाड़ियों से 4,800 बोतल कफ सीरप पकड़ी गई। इस मामले में रंजन कुमार और शंकर कुमार को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह खेप महाराष्ट्र से लाई गई थी।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : पति ने की तीसरी शादी, गुस्से में पत्नी ने ज*ला दिया घर- देवता के भंडार समेत 4 भवन राख

नेपाल-बांग्लादेश तक जाने की तैयारी

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि पटना में डंप किया गया कफ सीरप आगे नेपाल और बांग्लादेश तक भेजने की तैयारी में था। इससे पहले भी शहर के अलग-अलग इलाकों में लाखों रुपये मूल्य का प्रतिबंधित कफ सीरप पकड़ा जा चुका है, जिन पर “हिमाचल प्रदेश में निर्मित” का लेबल लगा हुआ था।

पुलिस का दावा, लेकिन सवाल बरकरार

सिटी एसपी (पूर्वी) परिचय कुमार ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है और नेटवर्क के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।

नोट : ऐसी ही तेज़, सटीक और ज़मीनी खबरों से जुड़े रहने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें

Related Tags:
ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख