#अपराध
May 21, 2025
हिमाचल नकल स्कैम में खुलासा : अभ्यर्थियों ने अंडर गारमेंट में छिपाए थे डिवाइस, लाखों में हुई थी डील
आठ आरोपी पुलिस रिमांड पर
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) की गैर-शिक्षण पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा अब गंभीर विवादों के घेरे में आ गई है। परीक्षा में संगठित तरीके से की गई हाईटेक नकलबाज़ी ने पूरे चयन तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एसआईटी (विशेष जांच दल) की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कई अभ्यर्थियों ने अपने अंडरगारमेंट्स में अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस छिपाकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश किया और बाहर बैठे सॉल्वर से संपर्क में रहे।
सूत्रों के अनुसार, आरोपी अभ्यर्थियों ने नकल के लिए ब्लूटूथ डिवाइस, सिम आधारित रिसीवर, मिनी ईयरफोन और माइक्रो कैमरे जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया। इन्हें शरीर के ऐसे हिस्सों में छिपाया गया था जहां सामान्य तलाशी से ये पकड़े न जाएं। कुछ मामलों में ये डिवाइस बाजू के नीचे, अंडरगारमेंट के अंदर और कान के पीछे तक छिपाए गए थे।
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इस मामले में अब तक कुल आठ आरोपी सात पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया जा चुका है। मंगलवार को इन सभी को अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने पुलिस रिमांड को तीन दिन के लिए और बढ़ा दिया। यह कदम मामले की गंभीरता को देखते हुए उठाया गया ताकि आरोपियों से पूछताछ कर पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में कई अभ्यर्थियों ने यह स्वीकार किया है कि वे पहले से एक गिरोह के संपर्क में थे और नकल की योजना सुनियोजित तरीके से बनाई गई थी। उन्होंने कबूला है कि नकल के बदले उन्होंने मोटी रकम भी चुकाई थी।
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पुलिस और एसआईटी ने अब तक आरोपियों के पास से आधार कार्ड, एडमिट कार्ड, पेन कार्ड और नकल में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जब्त कर लिए हैं। इसके साथ ही उनके बयान रिकॉर्ड कर लिए गए हैं, जिनमें साफ तौर पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के इस्तेमाल और बाहरी सहायता की पुष्टि हुई है।
पुलिस अब पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है और गिरोह के मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है, जिसने यह तकनीकी नकल का नेटवर्क चलाया। पुलिस का कहना है कि उन्हें कुछ अहम सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर अगले कुछ दिनों में बड़ी गिरफ्तारी संभव है।
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यह मामला न सिर्फ कानून-व्यवस्था बल्कि सरकारी भर्तियों की विश्वसनीयता पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। सरकार और एनवीएस प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वे भर्ती परीक्षा की पारदर्शिता और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्त कदम उठाएं।