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March 30, 2025

पड़ोसी राज्यों के अपराधियों का पनाहगार बन रहा है हिमाचल प्रदेश, देखें यह रिपोर्ट 

मैक्लोडगंज में हिप्पो गैंस के 4 गुर्गों की गिरफ्तारी ने खड़े किए सवाल 

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Himachal News

शिमला। खूबसूरत पहाड़ियां, शांतिपूर्ण जीवन और कम अपराध दर- देवभूमि हिमाचल प्रदेश की यह पहचान सदियों से रही है। लेकिन हाल ही में पंजाब के हरप्रीत हिप्पो गैंग के 4 सदस्यों की मैक्लोडगंज में गिरफ्तारी से एक बार फिर यह सामने आया है कि पड़ोसी राज्यों के अपराधी और नशा तस्कर हिमाचल के अमन को तबाह करने में जुटे हैं। 

 

हिमाचल प्रदेश पड़ोसी राज्यों के गुनहगारों के लिए सजा से बचने का पनाहगार बनता जा रहा है। इसके साथ ही नशा तस्करों और हिमाचल प्रदेश में मौजूद उनके मददगारों का नेटवर्क क्राइम रेट को भी नीचे गिरने नहीं देना चाहता।  इस चलन ने जहां हिमाचल पुलिस पर दबाव बढ़ाया है, वहीं पुलिस बन में मैनपावर की कमी और पुलिसिंग पर भी कई सवाल खड़े किए हैं। 

मर्डर कर छिपे थे बदमाश

कांगड़ा पुलिस के हत्थे चढ़े हिप्पो गेंग के चारों बदमाश पंजाब में एक जिम ट्रेनर की हत्या कर छिपे हुए थे। कांगड़ा पुलिस को इसकी सूचना पंजाब पुलिस ने दी। पुलिस के छापे में दो देशी कट्टे और 10 जिंदा कारतूस बरामद हुए। धर्मशाला जैसे टूरिस्ट प्लेस से पुलिस को वह गाड़ी भी मिली, जो बदमाशों ने इस्तेमाल की थी। अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि इन बदमाशों को उनके आकाओं ने हत्या की सुपारी दी थी।

 

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किसने इन्हें मदद की

स्थानीय मदद के बिना इन बदमाशों के लिए गुनाह कर हिमाचल में छिपना संभव नहीं था। बिलासपुर के पूर्व कांग्रेस विधायक बंबर ठाकुर पर हमले के मामले में यही बात सामने आई है। हिमाचल में स्थानीय मददगारों की सहायता के अपराधियों के छिपने के ये हालिया मामले ही नहीं हैं। जनवरी 2023 में लुधियाना के कुख्यात गैंगस्टर अजय पंडित को पुलिस ने ऊना जिले से पकड़ा था। पंडित के ऊपर 11 आपराधिक मामले दर्ज थे। हिमाचल पुलिस को उसके ऊना में छिपे होने की भनक भी नहीं लगी। लेकिन पंजाब पुलिस ने उसे ऊना के बसोली गांव से तलाश लिया। इससे साफ होता है कि हिमाचल के दूर-दराज के गांव किस तरह अपराधियों के छिपने में सहायक बन रहे हैं।

नशा तस्करी का आपराधिक गठजोड़

बंबर ठाकुर ने हाल में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अपने ऊपर हमले का चिट्टा कनेक्शन होने का दावा करते हुए नशा तस्करी और अपराधियों के बढ़ते गठजोड़ को उजागर किया है। इसकी शुरुआत हिमाचल के मंडी जिले में दो साल पहले अक्टूबर 2023 को हुई थी, जब नार्को-आतंकवाद मॉडल का गुर्गा मोहम्मद इकबाल गिरफ्तार हुआ। जम्मू-कश्मीर के पुंछ स्थित पाकिस्तान बॉर्डर से नशे की तस्करी करने वाला इकबाल करीब 4 महीने तक हिमाचल में छिपकर पुलिस की गिरफ्त से बचता रहा।

 

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इसके बारे में भी हिमाचल पुलिस को सूचना जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दी थी। शिमला पुलिस के हत्थे चढ़े नशा तस्कर शाही महात्मा गैंग के 16 गुर्गों की गिरफ्तारी हिमाचल में फैलते ड्रग सिंडिकेट के तार सीमापार पाकिस्तान से जुड़ गए। यहां फिर एक बार यह बात साफ नजर आई कि बिना स्थानीय मददगारों के पड़ोसी जम्मू-कश्मीर से अपर शिमला तक ड्रग सिंडिकेट को पहुंचाना संभव नहीं था। 

 

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सघन पुलिसिंग की जरूरत

हिमाचल प्रदेश अपराधियों का पनाहगार इसलिए बन रहा है, क्योंकि दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे मैदानी इलाकों की तरह हिमाचल में सघन पुलिसिंग संभव नहीं है। दूसरी अहम बात यह भी है कि मनाली, कुल्लू और धर्मशाला जैसे टूरिस्ट प्लेसेस में पर्यटक बनकर आने वाले अपराधियों की पहचान सामुदायिक पुलिसिंग की मदद से ही संभव है। इसके लिए हिमाचल पुलिस में मानव संसाधन की संख्या बढ़ाने के सिवा दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है।

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