#अपराध

June 22, 2025

हिमाचल सरकारी स्कूल की मैडम ने स्टूडेंट्स से मांगे पैसे, खाते में डलवाए 40 हजार- जानें पूरा मामला

महिला अध्यापिका का व्हाट्सएप हैक

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ऊना। हिमाचल प्रदेश इन दिनों साइबर क्रिमिनल ठगी के नए-नए पैंतरे इस्तेमाल कर रहे हैं। इस कड़ी में प्रदेश के जिला ऊना से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक सरकारी स्कूल की महिला अध्यापिका के व्हाट्सएप अकाउंट को हैक कर, उनके विद्यार्थियों को फर्जी मैसेज भेजे गए और पांच छात्रों से कुल मिलाकर करीब 40,000 रुपये की ठगी कर ली गई।

भरोसा करना पड़ा महंगा

जानकारी के अनुसार, यह मामला बीते शुक्रवार को घटित हुआ और पिछले कल यानी शनिवार को पीड़ित महिला द्वारा इसकी शिकायत साइबर क्राइम शाखा में दर्ज कराई गई। शिकायत के मुताबिक, पीड़ित अध्यापिका को उनकी एक वरिष्ठ परिचित जो कि एक जानी-मानी समाज सेविका व लेखिका हैं- की ओर से एक व्हाट्सएप मैसेज मिला।

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उसमें एक लिंक भेजा गया था और कहा गया कि उसे क्लिक कर एक कार्यशाला में भाग लेना है। भरोसेमंद स्रोत से आया मैसेज मानकर अध्यापिका ने लिंक पर क्लिक कर दिया।

विद्यार्थियों से मांगे पैसे

इसके तुरंत बाद उनके व्हाट्सएप अकाउंट में असामान्य गतिविधियां शुरू हो गईं। उन्हें शक हुआ, तो उन्होंने जल्दी से व्हाट्सएप अनइंस्टॉल कर दिया और फोन भी बंद कर दिया। लेकिन जब फोन दोबारा चालू किया गया, तो चौंकाने वाले कॉल और मैसेज आने लगे।

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कई छात्र और रिश्तेदार पूछ रहे थे, "मैडम, आपको पैसों की क्या जरूरत पड़ गई?" हैकर ने अध्यापिका की व्हाट्सएप कॉन्टेक्ट लिस्ट में मौजूद छात्रों को निशाना बनाया। बच्चों को व्यक्तिगत अंदाज़ में संदेश भेजे गए- कुछ ऐसे कि जैसे अध्यापिका खुद बोल रही हों: "बेटा, मुझे कुछ पैसों की जरूरत है। अभी तुरंत भेज सकते हो क्या?"

पांच बच्चों ने भेजे पैसे

भरोसे में आकर पांच बच्चों ने अलग-अलग रकम भेज दी- किसी ने ₹12,500, किसी ने ₹16,500 और किसी ने ₹8,500 रुपये तक का ट्रांजैक्शन किया। कुल मिलाकर ₹40,320 की ठगी हुई। कुछ छात्रों ने संदेह होने पर पहले कॉल करके पुष्टि की, जिससे उन्हें ठगी का अंदेशा हुआ और उन्होंने पैसे नहीं भेजे।

हैकर ने की भाषा की नकल

चौंकाने वाली बात यह रही कि हैकर ने न केवल व्हाट्सएप हैक किया, बल्कि अध्यापिका की बातचीत की शैली और आदतों का विश्लेषण कर उनके नाम पर बच्चों से पैसे मांगे। कुछ बच्चों को भाषा के लहजे में हल्की असामान्यता महसूस हुई, जिससे उन्हें संदेह हुआ और वे ठगी से बच गए।

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ठगी का पता लगते ही अध्यापिका ने फौरन अपने बैंक खाते को फ्रीज करवाया और स्वयं कई छात्रों से संपर्क कर स्थिति स्पष्ट की। इसके साथ ही उन्होंने साइबर अपराध शाखा में शिकायत दर्ज करवा दी है। पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने बताया कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

पुलिस की सलाह

पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी अनजान लिंक या मैसेज पर भरोसा न करें, चाहे वह किसी जान-पहचान वाले व्यक्ति के नाम से ही क्यों न आया हो। साइबर अपराधों से बचाव के लिए लोगों में डिजिटल जागरूकता ज़रूरी है। बहरहाल, यह घटना एक चेतावनी है कि डिजिटल युग में ठग आपकी व्यक्तिगत बातचीत और संबंधों का विश्लेषण करके भी फर्जीवाड़ा कर सकते हैं। ऐसे में केवल तकनीकी उपाय ही नहीं, जागरूकता और सतर्कता ही आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है।

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