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November 5, 2024

हिमाचल में 22 साल के लड़के ने किया स्कैम- टारगेट में थे बेरोजगार, ऐसी चलती थी गेम

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर दो भाइयों के साथ ठगी करने वाले आरोपी दलीप सिंह नेगी की जमानत याचिका को कोर्ट ने एक बार फिर खारिज कर दिया है। विशेष न्यायाधीश CBI ने दलीप सिंह नेगी को जमानत पर रिहा करने से इन्कार कर दिया है।

छठी बार खारिज हुई जमानत याचिका

आरोपी दलीप पिछले छह महीने से आरोपी कैथू जेल में न्यायिक हिरासत में है। जिला अदालत ने दलीप की जमानत याचिका को छठी बार खारिज किया है। 22 वर्षीय दलीप सिंह नेगी जिला किन्नौर का रहने वाला है। यह भी पढ़ें : हिमाचल में हुई पहली ऑनलाइन शादी, पोती ने पूरी की दादा की इच्छा

नौकरी का लालच देकर ठगे लाखों रुपए

शुरुआती जांच में पुलिस ने आरोपी के बैंक खाते से साढ़े 22 लाख रुपए बरामद किए हैं। जांच में सामने आया है कि दलीप खुद को DM बता कर युवाओं को वन विभाग में नौकरी दिलावने का झांसा देता था। उसने सचिवालय के उच्च अधिकारियों से जान-पहचान का हवाला देकर 6 युवाओं से लाखों रुपए ऐंठे थे। इतना ही नहीं ठगी की रकम से उसने गाड़ी भी खरीदी थी।

क्या है पूरा मामला?

ये मामला बीती 14 मई को न्यू शिमला थाना क्षेत्र में दर्ज किया गया था। मामले की शिकायत रोहड़ू उपमंडल के रहने वाले दो भाईयों निशांत और रितिक के पिता उत्तम चंद ने पुलिस में दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि दलीप ने उन्हें ऊंची पहुंच का हवाला देते हुए वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी दिलवाने का झांसा देकर उनसे 8.63 लाख रुपए ऐंठ लिए हैं। यह भी पढ़ें : हिमाचल : फोन पर आए लिंक को क्लिक करना पड़ा भारी, खाते से उड़ गए 16 लाख दिलीप ने निशांत का जाली NCC कैडेट्स का प्रमाण पत्र और जाली नियुक्ति पत्र बनवाया और 15 मई को ज्वाइनिंग करने के लिए कहा। निशांत को फ्राड का शक तब हुआ जब नौकरी के नियुक्ति पत्र फर्जी निकले।

कई युवाओं से ठगे लाखों रुपए

वहीं, मामले पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ FIR दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने आरोपी को शिमला से गिरफ्तार कर लिया। शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला है कि आरोपी दिलीप कुमार शिलादेश गांव के कुछ अन्य युवकों से भी लाखों रुपए की ठगी कर चुका है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : मकान में लगा देंगे लिफ्ट, झूठा वादा कर ऐंठे 7.25 लाख रुपए मामले की पुष्टि करते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी अपने सह-आरोपी रितेश के साथ मिलकर युवाओं को ठगी का शिकार बनाता था। इस ठगी को अंजाम देने के लिए दलीप मोबाइल फोन, लेपटॉप और प्रिंटर का इस्तेमाल करता था। रितेश से वो युवाओं के जाली दस्तावेज तैयार करवाता था। उन्होंने बतया कि साल 2024 में दलीप नेगी के खाते में कुल 22,48,251 रुपए जमा किए गए हैं। फिलहाल, मामले में गहनता से जांच की जा रही है और आरोपी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

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