#अपराध
June 8, 2025
हिमाचल : डाटा एंट्री ऑपरेटर महिला का कारनामा, बेरोजगारी भत्ते के डकार गई लाखों रुपए- ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस टीम ने महिला को किया गिरफ्तार
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हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश में अपराधिक गतिविधियों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला हमीरपुर जिले से सामने आया है- जहां सलौणी के उप रोजगार कार्यालय मैहरे में बेरोजगारी भत्ते की राशि में 6 लाख रुपये के गबन हुआ है।
इस सनसनीखेज घटना का खुलासा तब हुआ जब कुछ बेरोजगार युवाओं को उनके खातों में सरकार द्वारा निर्धारित भत्ता नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने कार्यालय में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई।
बता दें कि सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं को हर महीने एक हजार रुपये का भत्ता दिया जाता है। मगर कुछ लाभार्थियों ने जब समय पर यह राशि न मिलने की शिकायत की, तो संबंधित रिकॉर्ड की जांच की गई। जांच में यह पाया गया कि वर्ष 2021-22 के दौरान कई लाभार्थियों की रकम उनके खातों में न जाकर एक ही बैंक खाते में ट्रांसफर की गई- जो बाद में महिला डाटा एंट्री ऑपरेटर के खाते का निकला।
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार की गई महिला साल 2017 से इस कार्यालय में आउटसोर्स आधार पर सेवाएं दे रही थी। मगर एक साल पहले उसे सेवा से हटा दिया गया था। हालांकि, इस बीच उसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लाखों रुपये की सरकारी राशि को हड़प लिया। उसने विभागीय सिस्टम में छेड़छाड़ करते हुए लाभार्थियों के नाम पर आने वाले भत्ते को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया, जिससे किसी को लंबे समय तक शक नहीं हुआ।
गबन की प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद मामला पिछले वर्ष हेड ऑफिस शिमला को भेजा गया था। वहां से विस्तृत जांच के निर्देश मिलने के बाद जिला रोजगार अधिकारी ने आधिकारिक रूप से पुलिस में मामला दर्ज कराया। कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है।
DSP लालमन शर्मा ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने महिला डाटा एंट्री ऑपरेटर को गिरफ्तार कर लिया है। उसे न्यायालय में पेश करने के बाद पांच दिन की रिमांड पर भेजा गया है। रिमांड के दौरान पुलिस यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि कहीं इस गबन में और कोई कर्मचारी या व्यक्ति भी संलिप्त तो नहीं है।
यह मामला सामने आने के बाद सरकारी प्रणाली की निगरानी और आउटसोर्स कर्मचारियों की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सही मॉनिटरिंग की जाती, तो यह गबन रोका जा सकता था। साथ ही, इस घटना ने यह भी दिखा दिया है कि किस प्रकार सरकारी लाभ योजनाएं फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ सकती हैं, यदि प्रशासन सतर्क न रहे।