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June 8, 2025

सुक्खू सरकार का बेरोजगारों के लिए नया प्लान, 50% सब्सिडी के साथ मिलेगी इलेक्ट्रिक टैक्सी- जानें

रोजगार और पर्यावरण संरक्षण की ओर बड़ा कदम

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E Taxi Subsidy

शिमला। हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवा नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रहा है। ऐसे में सुक्खू सरकार ने बेरजोगारों के लिए एक नया प्लान बनाया है। सुक्खू सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है।

बेरोजगारों के लिए नया प्लान

आपको बता दें कि सक्खू सरकार ने इलेक्ट्रिक टैक्सी योजना को मजबूती देने के लिए श्रम एवं रोजगार विभाग को 2.5 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की है। इस राशि का हस्तांतरण हो चुका है और अब योजना के दूसरे चरण के तहत नई टैक्सियों का फ्लैग ऑफ समारोह आयोजित किया जाएगा।

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युवाओं को मिलेगा रोजगार


योजना के पहले चरण में अब तक 39 इलेक्ट्रिक टैक्सियां विभिन्न सरकारी विभागों के साथ अटैच की जा चुकी हैं। ये टैक्सियां उन बेरोजगार युवाओं को प्रदान की गईं, जिन्हें स्वरोजगार के तहत चुना गया है। दूसरे चरण में 30 नई इलेक्ट्रिक टैक्सियों को विभागों के साथ जोड़ा जाएगा। इस कड़ी में जल्द ही टैक्सियों को रवाना करने के लिए एक औपचारिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

50 प्रतिशत मिलेगी सब्सिडी

राज्य सरकार इस योजना के तहत प्रत्येक वाहन की लागत पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। यह सहायता राशि सीधे श्रम विभाग के माध्यम से दी जा रही है। बजट 2025-26 में की गई घोषणा के अनुरूप श्रम विभाग ने इस मामले को वित्त विभाग के समक्ष रखा था। अब वित्त विभाग से 2.5 करोड़ रुपये का बजट जारी हो चुका है, जिससे योजना की गति को नई ऊर्जा मिली है।

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अब एक ही विभाग बनाएगा कॉमन गाइडलाइन

कैबिनेट की ताजा बैठक में इस योजना के क्रियान्वयन से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं। अब तक परिवहन विभाग, श्रम विभाग और वित्त विभाग अलग-अलग स्तरों पर दिशा-निर्देश जारी करते रहे हैं, जिससे योजनाओं की प्रक्रिया में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही थी। इसे दूर करने के लिए कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि अब एकीकृत (कॉमन) गाइडलाइन केवल श्रम विभाग ही तैयार करेगा।

रोजगार भी, पर्यावरण संरक्षण भी

इससे पहले, परिवहन विभाग ने अलग दिशा-निर्देश बनाए थे और श्रम विभाग ने अलग, लेकिन अब इन सभी प्रक्रियाओं को एक छत के नीचे लाया जा रहा है, जिससे योजना में पारदर्शिता, गति और समन्वय सुनिश्चित होगा।इस योजना  का लक्ष्य न सिर्फ राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा भी इसका अभिन्न हिस्सा है।

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इलेक्ट्रिक टैक्सियों के माध्यम से जहां पेट्रोल-डीजल की खपत घटेगी, वहीं कार्बन उत्सर्जन में भी भारी कमी आएगी। इसके अलावा यह योजना शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के रूप में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा भी दे रही है।

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