#अपराध
October 7, 2025
हिमाचल : अफसर कर रहा चिट्टा तस्करों को बचाने की कोशिश! पूर्व प्रधान शिकायत लेकर पहुंचा थाने
अफसर से झूठी गवाही देने का बनाया दबाव
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में CBI के एक अधिकारी पर गवाह को धमकाने, झूठा बयान दिलाने और जबरदस्ती करने के गंभीर आरोप लगे हैं। अफसर पर यह आरोप मंडी जिले के एक पूर्व प्रधान ने लगाए हैं।
मंडी जिला के हवाणु गांव निवासी गिरधारी लाल ने शिमला पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि CBI शिमला में तैनात एक इंस्पेक्टर ने न केवल उसे झूठी गवाही देने के लिए मजबूर किया, बल्कि उससे बदसलूकी करते हुए धक्का-मुक्की और कपड़े फाड़ने तक का प्रयास किया।
गिरधारी लाल ने पुलिस से मामले में FIR दर्ज करने और निष्पक्ष जांच की मांग की है। शिमला पुलिस ने शिकायत प्राप्त होने के बाद प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और मामले से जुड़े तथ्यों को एकत्र किया जा रहा है।
शिकायत में गिरधारी लाल ने बताया कि 31 मार्च 2024 को सिध्याणी क्षेत्र में चिट्टा तस्करी के एक मामले में स्थानीय पुलिस ने कुछ आरोपियों को पकड़ा था। उसी मामले में उसे पुलिस ने बतौर गवाह शामिल किया था। गिरधारी का कहना है कि इस केस से जुड़ी जांच बाद में CBI को सौंपी गई।
गिरधारी के अनुसार, बीते 22 सितंबर 2025 को CBI के एक इंस्पेक्टर ने उसे शिमला स्थित दफ्तर बुलाया और पुराने केस को लेकर पूछताछ की। शिकायत में दावा किया गया है कि उसने जांच अधिकारी को वही सब बताया जो उसने अपनी आंखों से देखा था।
गिरधारी का कहना है कि CBI अधिकारी ने उससे “पुलिस वाले शराब पीकर आए थे”, “गिरधारी को घर से उठाकर ले गए थे” और “गिरधारी खुद उस दिन शराब के नशे में था” जैसे गलत बयान देने का दबाव बनाया। उसका आरोप है कि जब उसने इससे इनकार किया, तो इंस्पेक्टर ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया, धक्का-मुक्की की और उसका गला पकड़ने व कपड़े फाड़ने का प्रयास किया।
गिरधारी लाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह समाज में एक सम्मानित व्यक्ति हैं। उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2001 से 2015 तक अपनी पंचायत के प्रधान रह चुके हैं और करीब 20 वर्षों तक सिध्याणी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं।
उनका कहना है कि इस तरह की हरकत न केवल अपमानजनक है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया पर भी प्रश्न खड़े करती है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
शिमला पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, शिकायत दर्ज कर ली गई है और मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर दी गई है। यदि आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए जाते हैं, तो CBI अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत और पारदर्शिता के साथ की जाएगी ताकि किसी भी पक्ष के साथ अन्याय न हो।