#अव्यवस्था
July 12, 2025
सुक्खू सरकार का व्यवस्था परिवर्तन, 100 से कम ओपीडी वाली आयुर्वेदिक डिस्पेंसरीयां होंगी बंद
स्कूल कॉलेजों के बाद अब आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी होंगी बंद
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में आयुर्वेदिक सेवाओं की समीक्षा के बाद सुक्खू सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश की करीब 30 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियों को बंद करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उन संस्थानों पर लागू होगा, जहां प्रतिमाह 100 से कम ओपीडी हो रही है। सरकार का तर्क है कि, ऐसे संस्थानों में संसाधनों का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा और संचालन की लागत भी मुश्किल से पूरी हो रही है।
सरकार ने इन डिस्पेंसरियों की पिछले तीन वर्षों की ओपीडी संख्या का विश्लेषण किया, जिसके आधार पर यह कदम उठाया गया। समीक्षा में सामने आया कि कई स्थानों पर या तो स्टाफ की कमी थी या फिर डॉक्टर ही तैनात नहीं थे।
साथ ही, कुछ डिस्पेंसरियों के पास खुद की इमारत भी नहीं थी। ऐसे में युक्तिकरण के तहत इन डिस्पेंसरियों को या तो बंद किया जाएगा या फिर इनमें तैनात स्टाफ को दूसरी जरूरतमंद संस्थाओं में शिफ्ट किया जाएगा।
हालांकि, इस फैसले से उन ग्रामीण इलाकों के लोगों में चिंता है जहां ये डिस्पेंसरियां बंद हो रही हैं, क्योंकि अब उन्हें आयुर्वेदिक उपचार के लिए दूरदराज का रुख करना पड़ेगा। फिर भी सरकार का मानना है कि सीमित संसाधनों का सही उपयोग ही दीर्घकाल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की ओर एक जरूरी कदम है।
आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा ने इस फैसले को संसाधनों के अधिक प्रभावी और तार्किक उपयोग से जोड़ते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने बिना बुनियादी ढांचे और डॉक्टरों की तैनाती के ही कई डिस्पेंसरियां खोल दी थीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन क्षेत्रों में आयुर्वेदिक सेवाओं की मांग अधिक है, वहां सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा।