#अव्यवस्था
July 10, 2025
HRTC के हाल : बारिश में टपक रही बसों की छतें, छाता खोल सफर करने को मजूबर हुए लोग
छत से पानी टपकने से आम लोग परेशान
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मंडी। प्रदेश में हिमाचल पथ परिवहन निगम की हालत इतनी खस्ता हो गई है कि आए दिन या तो चलती बसे खराब हो जा रही है या बसों कि दुर्गम हालत को देख बसों को रास्ते में ही रोक कर सवारियों को दूसरी बस में बिठा दिया जा रहा है। वहीं, अब ऐसा ही एक मामला जिला मंडी के सुंदरनगर से सामने आया हैं- जहां अब HRTC में लोगों को बारिश के मजे दिए जा रहे हैं।
बस की छत से टपका पानी, यात्रियों ने खोले छाते
आपको बता दें कि, सुंदरनगर डिपो की बस कल दोपहर को सुंदरनगर से अंबाला जा रही थी। ऐसे में तेज बारिश के चलते बस की छत से लगातार पानी टपकने लगा और बस की सीटें गिली होने लगी। जिसे देख यात्रियों ने छाता खोल खड़े रहकर सफर करना उचित समझा।
बस के उपकरण हुए जाम
बताया जा रहा है कि बस का शीशा साफ करने वाला वाइपर लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है- जिसे अभी तक ठीक नहीं करवाया गया। ऐसे में बस चालक को तेज बारिश के चलते आगे देखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ठीक बसें कब भेजेगी सरकार
बस में बैठी सवारियों ने बताया कि, पहले हमें छोटे रूट पर HRTC की बसों में ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिस पर सरकार की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया। वहीं, अब लंबे रूट पर भी हिमाचल पथ परिवहन निगम खटारा बसों को भेज रहा है। लोगों का कहना है कि किराये में बढ़ोतरी करने में निगम देर नहीं लगाता, लेकिन जब बात बसों की मुरम्मत या रख रखाव की हो तो प्रशासन लापरवाही बरत देता है।
हालात ऐसे है कि लोगों को टपकती बस में हिमाचल से अंबाला तक का सफर करवाया जा रहा है। सवारियों ने निगम से मांग की है कि लंबे रूटों सहित अन्य जगह जाने वाली बसों को पूरी जांच के बाद ही भेजा जाए। लोगों का कहना है कि भारी बारिश में ऐसी खटारा बसों के कारण कोई बड़ा हादसा भी पेश आ सकता है।
हिमाचल में HRTC के 52 डिपो
विदित रहे कि, हिमाचल प्रदेश में रोडवेज के 52 डीपो संचालित हो रहे हैं- जहां से हर दिन हजारों बसें चलती हैं। मगर कुछ डिपुओं की स्थिति बेहद खराब हैं- जहां पर ना तो बसें समय पर चल रहीं हैं और ना ही यात्री भार मिल रहा है। लॉन्ग रूट की बसों के हालात देखकर हर कोई हैरान है।
लॉन्ग रूट की कई सरकारी बसें हांफती हुई नजर आती हैं। कुछ जगहों पर तो आलम ऐसा है कि बस मोड़ों पर चढ़ ही नहीं पाती है। ऐसी खस्ता हाल बसों के कारण बस में सफर कर रहे लोगों और चालक-परिचालक को भी काफी परेशान होना पड़ता है।