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July 10, 2025

हिमाचल फ्लड : एक ही रात में कई परिवार हुए बेघर, बाढ़ के सैलाब में देखते ही देखते बह गए 466 घर

14 लोगों ने तोड़ा दम, 30 लोग अभी भी लापता

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Mandi Cloud Burst

मंडी। हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश ने कहर बरपा दिया है। खासकर मंडी जिले की सराज घाटी में 30 जून की रात जो कुछ हुआ, वह किसी दुःस्वप्न से कम नहीं था। रात के समय अचानक बादल फटने की घटना और उससे आई तेज बाढ़ ने पूरे इलाके को मलबे के ढेर में बदल दिया।

एक ही रात में बर्बाद हुआ पूरा गांव

एक ही रात में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया और गांव के गांव बर्बादी की तस्वीर बन गए। सराज घाटी की इस आपदा में 14 लोगों की जान चली गई, जबकि 30 से अधिक लोग अब भी लापता हैं।

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कई लोग मलबे में दफन

प्रशासन और राहत एजेंसियों को अंदेशा है कि मलबे में कई लोग अभी भी दबे हो सकते हैं। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे हैं, लेकिन दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों और टूटी सड़कों के कारण टीमों को लोगों की मदद करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पूरी तरह बह गए 466 घर

इस आपदा में 466 घर पूरी तरह बह गए, जिनमें कई मकान तो ऐसे थे जो पीढ़ियों से खड़े थे। इसके अलावा 92 दुकानें, 457 गोशालाएं, और एक हाइड्रो प्रोजेक्ट भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया। करीब 456 पालतू पशु भी बाढ़ में बह गए, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक रूप से गहरा झटका लगा है।

इधर-उधर भटक रहे बेघर लोग

सबसे चिंताजनक बात यह है कि 1500 से अधिक लोग अब बेघर हो चुके हैं, जो राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। वहां न तो पर्याप्त सुविधाएं हैं और न ही सुरक्षित भविष्य की कोई गारंटी। बेघर हुए लोग कभी स्कूलों तो कभी मंदिरों में रहने को मजबूर हो गए हैं। सुरक्षित स्थान ढूंढने के लिए लोग इधर-उधर भटक रहे हैं।

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90% से ज्यादा सड़कें टूटी

जिले की 90% से ज्यादा सड़कें और ग्रामीण रास्ते बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। कहीं पुल बह गए हैं, तो कहीं सड़कें पूरी तरह टूट चुकी हैं, जिससे प्रभावित गांवों तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती बन गया है। बिजली और संचार व्यवस्था भी ठप पड़ी हुई है, जिससे राहत कार्यों में भी देरी हो रही है।

मौसम की मार

राज्य सरकार ने सेना, NDRF और SDRF की टीमें राहत कार्यों में तैनात की हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए मलबे में सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है। हेलीकॉप्टरों और ड्रोन की मदद से हालात पर नजर रखी जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने भी आपदा प्रभावित लोगों को तुरंत मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन भारी नुकसान और मौसम की मार के चलते राहत अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा।

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