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May 23, 2025

HP Board की लापरवाही: 3 विषयों में फेल 12वीं का छात्र संशोधन के बाद प्रथम श्रेणी में हुआ पास

अंग्रेजी विषय के साथ फिजिक्स और कैमिस्ट्री में भी तीन गुणा बढ़े नंबर

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HP Board

कांगड़ा (राजा का तालाब)। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। या यूं कहें कि शिक्षा बोर्ड के जमा दो परीक्षा परिणाम में एक और बड़ा कारनामा सामने आया है। मामला कांगड़ा जिला का है। यहां का एक 12वीं कक्षा का छात्र तीन विषयों में फेल हो गया था। लेकिन अंग्रेजी विषय के संशोधित रिजल्ट के बाद यह छात्र प्रथम श्रेणी में पास हो गया। 

अंग्रेजी, फिजिक्स और कैमिस्ट्री में तीन गुणा बढ़े नंबर

दरअसल कांगड़ा जिला के राजा का तालाब क्षेत्र के ग्रेटवे पब्लिक स्कूल का छात्र निक्षय पठानिया के परिणाम में गंभीर त्रुटि सामने आई है, जिसने न केवल एक छात्र के भविष्य को खतरे में डाला, बल्कि बोर्ड की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। निक्षय को शुरूआती परिणामों में अंग्रेजी, फिजिक्स और कैमिस्ट्री जैसे तीन अहम विषयों में फेल घोषित किया गया था। अंग्रेजी में उसके  24, फिजिक्स में 17 और कैमिस्ट्री में 16 अंक दर्शाए गए थे। परिणाम आने के बाद छात्र और उसके परिवार में गहरा आघात हुआ। 

 

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लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह रही कि सिर्फ अंग्रेजी विषय के संशोधित परीक्षा परिणाम में छात्र प्रथम श्रेणी में पास हो गया। छात्र के अंग्रेजी में अंक 24 से बढ़कर 52 हो गए, और यही नहीं फिजिक्स और कैमिस्ट्री में भी अंक 59-59 दर्शाए गए। कुल मिलाकर छात्र को 344 अंक प्राप्त हुए और वह 68.8 प्रतिशत के साथ प्रथम श्रेणी में पास घोषित कर दिया गया।

मानवीय भूल या तकनीकी गड़बड़ी

अब सवाल यह उठ रहा है कि शिक्षा बोर्ड ने तो सिर्फ अंग्रेजी विषय का संशोधित परीक्षा परिणाम घोषित किया था। जिसके चलते अंग्रेजी विषय में अंक बढ़ने की बात तो समझ में आती है, लेकिन फिजिक्स और कैमिस्ट्री में छात्र के अंक कैसे बढ़ गए। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि बोर्ड की इस गलती का कारण मानवीय भूल थी या तकनीकी गड़बड़ी। लेकिन यह घटना यह जरूर बताती है कि परिणाम तैयार करने और प्रकाशित करने की प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही हुई है। एक विषय के संशोधन से अन्य विषयों के अंक कैसे बदल सकते हैं इस सवाल का जवाब बोर्ड की तरफ से अब तक नहीं दिया गया है।

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छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर

इस प्रकार की चूकें केवल आंकड़ों की गलती नहीं होतीं, बल्कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती हैं। परीक्षा में फेल घोषित किया जाना किसी भी छात्र के आत्मविश्वास को तोड़ सकता है। कई बार ऐसी घटनाएं युवाओं को अवसाद में धकेल देती हैं, जिनके परिणाम भयावह हो सकते हैं।

 

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परिवार में खुशी, लेकिन सवाल भी कायम

हालांकि अब निक्षय और उसका परिवार उसके प्रथम श्रेणी में पास होने से खुश हैं, लेकिन इस प्रक्रिया ने उनके विश्वास को झकझोर कर रख दिया है। वे उम्मीद करते हैं कि भविष्य में किसी अन्य छात्र को इस तरह की मानसिक पीड़ा से न गुजरना पड़े।

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