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May 25, 2025

हिमाचल: केस वापस नहीं लिया तो कंपनी ने बंद कर दिया प्लांट, 80 कर्मचारियों से छीन ली नौकरी

कंपनी ने बिना सूचना बंद किया प्लांट; गेट पर जड़ा ताला

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baddi wipro company

नालागढ़ (सोलन)। हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में की एक कंपनी ने बिना किसी सूचना के अपने एक प्लांट को बंद कर दिया है। जिसके चलते इस प्लांट में काम करने वाले 80 के करीब कर्मचारी एक झटके में ही बेरोजगार हो गए हैं। इन कर्मचारियों ने अब कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और गेट पर बैठ कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है।

80 कामगारों की गई नौकरी

दरअसल हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में स्थित देश की जानी-मानी कंपनी विप्रो इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड ने अपने बद्दी स्थित एक उत्पादन प्लांट को अचानक बंद कर दिया है, जिससे 80 के करीब कर्मचारी अचानक बेरोजगार हो गए हैं। यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब राज्य में पहले से ही बेरोजगारी की दर चिंता का विषय बनी हुई है। सरकारी आंकड़े भले ही स्थिर तस्वीर पेश करें, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि औद्योगिक इकाइयों के बंद होने से राज्य के युवाओं को लगातार रोजगार से हाथ धोना पड़ रहा है।

 

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बिना सूचना बंद की फैक्ट्री, गेट पर ताला

बरोटीवाला इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित विप्रो यूनिट के कर्मचारियों को तब बड़ा झटका लगा जब उन्होंने देखा कि फैक्ट्री के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया गया है और एक नोटिस चिपका है जिसमें लिखा है कि यूनिट अब बंद की जा रही है। करीब 80 कर्मचारियों को किसी पूर्व सूचना या वैकल्पिक व्यवस्था के बिना बाहर कर दिया गया है। कई कर्मचारी पिछले छह महीनों से बिना वेतन के काम पर आते रहे, उम्मीद थी कि प्रबंधन समस्या का हल निकालेगा, लेकिन अब उन्हें सीधे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

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न्याय की जगह दबाव बनाने के आरोप

कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन ने उन्हें कोर्ट में चल रहे मामलों को वापस लेने का दबाव डाला था। कंपनी प्रबंधन का कहना था कि जब तक वे केस वापस नहीं लेते, उन्हें न नौकरी वापस मिलेगी और न ही बकाया वेतन।

प्रशासन से हस्तक्षेप की उठाई मांग

कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि कंपनी का एक यूनिट ;संख्या 87द्ध पूरी तरह बंद कर दिया गया हैए जबकि दूसरा यूनिट अभी चालू है। यूनियन ने इसे मजदूरों के साथ अन्याय बताया और प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर जांच करवाई जाए, बकाया वेतन दिलाया जाए और यदि संभव हो तो फैक्ट्री को पुनः चालू करवाया जाए। इसके साथ ही  राज्य में बंद हो रही इकाइयों के संदर्भ में दीर्घकालिक रोजगार नीति लागू करने की भी मांग उठाई गई।

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प्रबंधन ने हड़ताल और घाटा बताया कारण

वहीं, विप्रो प्रबंधन का कहना है कि दिसंबर 2024 से चली आ रही हड़ताल और बार.बार उत्पादन में रुकावट के कारण फैक्ट्री को आर्थिक रूप से चलाना संभव नहीं रहा। उन्होंने दावा किया कि यह फैसला सोच.समझकर लिया गया है और दूसरी यूनिट सामान्य रूप से कार्य कर रही है।

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