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September 5, 2025

हिमाचल के बॉक्सिंग गुरु हैं कैलाश, इनके तैयार किए कई खिलाड़ी बने अंतरराष्ट्रीय चैंपियन

खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश

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kailash sharma himachal boxing teacher success story

काँगड़ा | हिमाचल प्रदेश के खेल शिक्षक कैलाश शर्मा का जीवन मुक्केबाजी के प्रति समर्पण का उदाहरण है। वे जिस भी स्कूल में तैनात हुए, वहां बॉक्सिंग रिंग की व्यवस्था करवाई। उनका मानना है कि खिलाड़ी को खेल के नियमों और तकनीक के साथ-साथ असली माहौल का अनुभव भी जरूरी है।

 

खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश

 

कैलाश शर्मा बताते हैं कि एक बार खिलाड़ियों से हार का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे रिंग में पहुंचकर नर्वस हो गए थे, क्योंकि उन्होंने कभी रिंग में अभ्यास ही नहीं किया था। इसी अनुभव ने उन्हें प्रेरित किया कि जहां भी जाएं, वहां बॉक्सिंग रिंग जरूर बनवाएं, ताकि बच्चे बड़े मंच पर आत्मविश्वास से खेल सकें।

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उपलब्धियों से रोशन हुआ प्रदेश

 

आज उनकी मेहनत का नतीजा है कि उनके 15 से 20 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत चुके हैं और तीन खिलाड़ी इंडिया कैंप तक पहुंच पाए हैं। वे खुद भी थ्री स्टार रेफरी का खिताब हासिल कर चुके हैं, जो उनकी काबिलियत का सबूत है।

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वंशिका का ऐतिहासिक स्वर्ण पदक

 

पिछले वर्ष उनकी शिष्या वंशिका गोस्वामी ने अमेरिका के कोलोराडो में आयोजित अंडर-19 स्कूल नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर न केवल अपने स्कूल बल्कि पूरे प्रदेश का नाम इतिहास में दर्ज कर दिया।

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सिर्फ मुक्केबाजी नहीं, कई खेलों में योगदान

 

कैलाश शर्मा ने यह साबित किया है कि असली शिक्षक केवल एक खेल तक सीमित नहीं होता। उन्होंने बॉक्सिंग के साथ-साथ कबड्डी, खो-खो और बैडमिंटन में भी खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया है।

 

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