#उपलब्धि
May 20, 2025
हिमाचल के बेटे संजय ने रचा इतिहास, माउंट मकालू की चोटी फतह कर लहराया तिरंगा
ITBP बना मकालू फतह करने वाला पहला बल
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हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के होनहार युवा कदम-कदम पर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। प्रदेश के कई युवा देश-दुनिया की ऊंची चोटियों पर तिरंगा लहरा कर नया इतिहास रच रहे हैं। इन्हीं होनहारों की सूची में अब हिमाचल के एक और बेटे ने अपना नाम जोड़ लिया है।
जिले के भोरंज उपमंडल की कंज्याण पंचायत के रहने वाले संजय कुमार ने पर्वतारोहण की दुनिया में एक नया इतिहास रचा है। संजय कुमार ने विश्व की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी माउंट मकालू पर फतेह कर देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है।
वर्तमान में संजय भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में सहायक कमांडेंट के पद पर कार्यरत हैं। संजय ने नेपाल में स्थित विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट माकूल (8485 मीटर) पर चढ़ाई कर हिमाचल और देश का मान बढ़ाया है।
इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के बाद संजय कुमार के पैतृक गांव में खुशी और गर्व का माहौल है। परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने उनकी इस सफलता को देश और प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि करार दिया है।
ITBP ने वर्ष 2025 के लिए नेपाल की दो ऊंची चोटियों- माउंट मकालू (8485 मीटर) और माउंट अन्नपूर्णा (8091 मीटर) पर पर्वतारोहण अभियानों की योजना बनाई थी। माउंट मकालू के इस विशेष दल में संजय कुमार को दल उपनेता (डिप्टी टीम लीडर) की जिम्मेदारी दी गई थी।
इस अभियान की शुरुआत 22 मार्च को दिल्ली से हुई, जब ITBP की टीम नेपाल रवाना हुई। 27 मार्च को टीम काठमांडू से मकालू क्षेत्र की ओर प्रस्थान कर गई। दुर्गम रास्तों, कठिन मौसम और चुनौतियों से जूझते हुए संजय कुमार ने अपनी पांच सदस्यीय टीम के साथ 19 अप्रैल की सुबह 8:15 बजे माउंट मकालू के शिखर पर कदम रखा। इस ऐतिहासिक क्षण पर उन्होंने वहां तिरंगा फहराया और देश का नाम गर्व से ऊंचा किया।
इस सफलता के साथ भारत-तिब्बत सीमा पुलिस भारत का पहला ऐसा सशस्त्र बल बन गया है, जिसने माउंट मकालू की चोटी पर विजय प्राप्त की है। यह उपलब्धि बल के साहस, सामर्थ्य और समर्पण को दर्शाती है।
इस अभूतपूर्व सफलता के उपलक्ष्य में 14 मई को दिल्ली में फ्लैग-इन सेरेमनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देश के केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने संजय कुमार सहित पूरी पर्वतारोहण टीम की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की खुले दिल से प्रशंसा की और देश के लिए इसे गौरव का क्षण बताया।