#हिमाचल
January 11, 2025
हिमाचल के छोटे से गांव का बेटा बना लेफ्टिनेंट, बिना कोचिंग के हासिल किया मुकाम
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने तजेंद्र चौहान
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सिरमौर। किसी ने क्या खूब लिखा है कि अंधेरों में रोशनी का, खुद ही दीप जलाना। चोटें आईं, राहें मुश्किल, फिर भी रुक ना पाए, हौंसले की आग में, अपनी तकदीर बनाई। इन शब्दों को बखूबी चरितार्थ कर दिखाया है सिरमौर जिले के छोटे से गांव के बेटे तजेंद्र चौहान ने।
तजेंद्र चौहान भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। खास बात यह है कि तजेंद्र ने बिना किसी कोचिंग के CDS की परीक्षा पास की है। तजेंद्र की इस सफलता से उनके परिवार और गांव में खुशी का माहौल है।
तजेंद्र ने दसवीं तक की पढ़ाई हिम पब्लिक उच्च विद्यालय सतौन से की। फिर जमा 2 की पढ़ाई PM श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सतौन से पूरी की। इसके बाद तजेंद्र ने प्राइवेट तरीके से ग्रेजुएशन पूरी की। CDS की तैयारी के लिए तजेंद्र ने किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। तजेंद्र ने घर पर खुद ही दिन-रात मेहनत की और CDS परीक्षा पास करने में सफलता हासिल कर ली।
तजेंद्र बताते हैं कि वो जब 12 साल के थे- तब उनकी मां रेखा देवी की करंट लगने के कारण मौत हो गई थी। तजेंद्र के पिता अतर सिंह ने उनके पालन-पोषण में कोई कमी नहीं छोड़ी। उनके पिता और दिवगंत मां का सपना था कि तजेंद्र देशसेवा में अपना नाम रोशन करे और बड़ा अफसर बने। तजेंद्र ने अपने माता-पिता का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने खूब मेहनत की। कठिन परिस्थितियां और सीमित संसधानों के बावजूद तजेंद्र अपने लक्ष्य से भटके नहीं।
तजेंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी छोटी मां रीना चौहान को दिया है। तजेंद्र का कहना है कि उसकी छोटी मां ने उसकी परवरिश में कभी कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने हमेशा उसका साथ दिया- नतीजन आज उसने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है। तजेंद्र की इस सफलता के बाद उनके घर पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लग गया है। तजेंद्र की छोटी मां और पिता का कहना है कि उन्हें उनके बेटे पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि तजेंद्र ने ये उपलब्धि हासिल कर ये साबित कर दिया है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से कोई भी बड़े से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। फिर चाहे रास्ते में हजारों मुश्किलें क्यों ना आएं। इरादे अगर मजबूत हो तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।