#उपलब्धि
June 15, 2025
हिमाचल: मां के बिना पला-बढ़ा उदित, सेना में बना लेफ्टिनेंट, पेश की मिसाल
बचपन के संघर्ष को- कामयाबी में बदल दिया
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले के छोटे से गांव कोटली डवाहन से ताल्लुक रखने वाले उदित पालसरा ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। उदित की इस सफलता की खबर जब गांव में पहुंची तो हर ओर खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों और परिजनों की आंखों में गर्व और भावुकता की झलक साफ दिखाई दी।
उदित के जीवन की राह आसान नहीं रही। महज चार साल की उम्र में उन्होंने अपनी मां को खो दिया था। इस दर्दनाक हादसे के बाद उनके पालन-पोषण की ज़िम्मेदारी उनके पिता राजेश कुमार, बड़ी बहन रचना और दादी ने संभाली।
राजेश कुमार एक साधारण डाटा एंट्री ऑपरेटर हैं और बहन रचना वर्तमान में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत हैं।
उदित की शुरुआती शिक्षा गांव के ही आलोक भारती विद्यालय कोटली में हुई। यहीं से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने मंडी कॉलेज से बीएससी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान भी उन्होंने अनुशासन, समर्पण और मेहनत को कभी अपने जीवन से अलग नहीं होने दिया।
जनवरी 2024 में उदित का चयन भारतीय सेना के लिए प्रशिक्षण हेतु हुआ। इसके बाद उन्होंने देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी में 18 महीनों का कठिन प्रशिक्षण पूरा किया। 14 जून 2025 को उन्होंने सफलता पूर्वक इस प्रशिक्षण को समाप्त कर लेफ्टिनेंट की वर्दी धारण की।
अपनी उपलब्धि पर उदित ने कहा कि यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उनके पिता, बहन, दादी और शिक्षकों ने हमेशा उनका मार्गदर्शन किया और उन्हें कभी हार मानने नहीं दी। उन्होंने कहा कि यह कामयाबी सिर्फ उनकी नहीं बल्कि पूरे परिवार की मेहनत का नतीजा है।
उदित की कामयाबी से कोटली डवाहन गांव में जश्न का माहौल है। ग्रामीणों ने इस पर गर्व जताते हुए कहा कि उदित जैसे युवाओं से नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। स्कूल के शिक्षकों ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।